न्यूयॉर्क: भारत ने सिंधु जल समझौते पर पाकिस्तान के दुष्प्रचार का मुंहतोड़ जवाब देते हुए संयुक्त राष्ट्र में कहा कि पाकिस्तान पहले ही भारत पर तीन युद्ध थोपकर और हजारों आतंकी घटनाएं कर सिंधु जल समझौते की भावना का उल्लंघन कर चुका है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वथानेनी हरीश ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सिंधु जल समझौते को लेकर पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल द्वारा दुष्प्रचार किया जा रहा है। भारत ने हमेशा जिम्मेदारी भरा व्यवहार किया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया था। शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद की एरिआ फार्मूला बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का मुद्दा संघर्ष में पानी की सुरक्षा था। इस बैठक में पाकिस्तान ने भारत पर सिंधु जल समझौता तोड़ने के लिए बेबुनियाद और भ्रामक आरोप लगाए। जिस पर भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने पाकिस्तान के दुष्प्रचार का मुंहतोड़ और तथ्यों के साथ जवाब दिया। भारतीय प्रतिनिधि पी हरीश ने कहा कि 65 साल पहले भारत ने अच्छी भावना के साथ पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता किया था। समझौते की प्रस्तावना का उल्लेख करते हुए पी. हरीश ने कहा कि ‘प्रस्तावना में साफ लिखा गया है कि ये समझौता अच्छी भावना और दोस्ती के साथ किया गया, लेकिन पाकिस्तान ने बीते 65 वर्षों में इस भावना का साफ उल्लंघन किया और भारत के खिलाफ तीन युद्ध लड़े और हजारों आतंकी हमले किए।’
पी हरीश ने बताया कि ‘बीते चार दशकों में आतंकी हमलों में भारत के 20 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है और सबसे ताजा आतंकी हमला पहलगाम का है, जिसमें निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया गया। इसके बावजूद भारत ने संयम से काम किया।’ भारतीय राजनयिक ने कहा कि पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद के जरिए भारत में आम नागरिकों की जिंदगी को बंधक बनाना चाहता है और साथ ही धार्मिक सद्भाव और आर्थिक समृद्धि को भी बाधित करना चाहता है। हरीश ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए कहा कि हमने कई बार पाकिस्तान से सिंधु जल समझौते को संशोधित करने को कहा था, लेकिन इस्लामाबाद ने हर बार इस प्रस्ताव को खारिज किया। पी हरीश ने कहा कि तकनीक बदल चुकी है और इसने बांध निर्माण के काम को भी बदल दिया है, जिससे बांधों की सुरक्षा और उनका संचालन बेहतर हुआ है। कई पुराने बांधों की सुरक्षा को खतरा है, लेकिन पाकिस्तान इन बांधों के निर्माण में किसी भी बदलाव का विरोध करता रहा है, जबकि संधि के तहत इसकी मंजूरी दी गई थी। यही वजह रही कि जब तक पाकिस्तान, जो आतंकवाद का केंद्र है, वह सीमापार आतंकवाद को अपना समर्थन देना बंद नहीं करता, तब तक भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का फैसला किया है। साफ है कि पाकिस्तान ने ही सिंधु जल समझौते का उल्लंघन किया है।