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कई देशों के पाकिसतान से संबंध हैं तो… जयशंकर ने भारत-रूस की दोस्ती का ऐसे किया बचाव

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जयशंकर ने कहा कि रूस के साथ हमारे अच्छे संबंध हमें एक ऐसा देश बनने की क्षमता देते हैं जो रूस और यूक्रेन दोनों से बात कर सकता है और उनके बीच संवाद की संभावनाएं तलाश सकता है।

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बुधवार को भारत-रूस संबंधों का बचाव करते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत ऑस्ट्रेलिया की चिंता को समझता है जो भारत-रूस संबंधों से उत्पन्न होती है? तो इस पर डॉ. जयशंकर ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “मुझे नहीं लगता कि हमने (ऑस्ट्रेलिया को) किसी तरह की चिंता का कारण दिया है। आज के समय में, देशों के बीच संबंध एक्सक्लूसिव नहीं होते।”

स्काई न्यूज ऑस्ट्रेलिया की पत्रकार शैरी मार्कसन के साथ इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा, “अगर मैं उस तर्क पर जाऊं, तो कई देशों के पाकिस्तान के साथ संबंध हैं। तो सोचिए, उससे मुझे कितनी चिंता होनी चाहिए।” जयशंकर ने भारत के रूस के साथ घनिष्ठ संबंधों और विशेष रूप से यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद रूसी तेल की खरीद का बचाव करते हुए कहा कि यदि भारत ने यह कदम नहीं उठाए होते, तो ऊर्जा बाजार एक अलग दिशा में जा सकते था और वैश्विक ऊर्जा संकट उत्पन्न हो सकता था, जिससे दुनियाभर में महंगाई बढ़ सकती थी।

उन्होंने कहा, “रूस के साथ हमारे अच्छे संबंध हमें एक ऐसा देश बनने की क्षमता देते हैं जो रूस और यूक्रेन दोनों से बात कर सकता है और उनके बीच संवाद की संभावनाएं तलाश सकता है। मुझे लगता है कि दुनिया को, जिसमें ऑस्ट्रेलिया भी शामिल है, एक ऐसे देश की जरूरत है जो इस संघर्ष को वार्ता की मेज पर वापस लाने में मदद कर सके।” उन्होंने यह भी कहा कि “संघर्षों का अंत ज्यादातर युद्ध के मैदान में नहीं होता, बल्कि बातचीत में होता है।”

जयशंकर ने भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों की अहमियत का भी जिक्र किया और कहा, “ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंध का इतना अधिक महत्व इसलिए है क्योंकि आज हमारे बीच विश्वास, संवेदनशीलता और साथ काम करने का अनुभव विकसित हो रहा है।” उन्होंने कहा, “बहुत सी ऐसी चीजें हैं, जिन्हें मैं ऑस्ट्रेलिया के साथ सहजता से साझा कर सकता हूं, जो शायद अन्य देशों के साथ न कर पाऊं।” जब उनसे यह पूछा गया कि क्या भारत इस बात को लेकर चिंतित है कि अमेरिका के अगले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारतीय उत्पादों पर व्यापार शुल्क लगा सकते हैं, तो जयशंकर ने इसे “काल्पनिक” बताते हुए कहा, “हमारे क्षेत्र में काल्पनिक मामलों पर ध्यान नहीं दिया जाता। देखेंगे क्या होता है।”

मोदी सरकार ने लगातार यह स्पष्ट किया है कि यह “युद्ध का युग नहीं है।” भारत ने यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध पर पक्ष लेने से इंकार करते हुए कहा है कि वह तटस्थ नहीं बल्कि शांति के पक्ष में है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन और रूस दोनों देशों का दौरा किया, जिसमें उन्होंने भारत की संतुलित दृष्टिकोण पर जोर दिया। भारत-रूस संबंधों पर जयशंकर के इस स्पष्ट बयान ने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और संतुलित कूटनीति का एक और उदाहरण प्रस्तुत किया है।