
त्रिवेणी तट पर योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट बैठक के बाद संगम स्नान के दौरान ओमप्रकाश राजभर की नाराजगी सुर्खियों में आ गई. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर को स्नान के बाद वाहन में जगह न मिलने पर गुस्से का इज़हार करना पड़ा. उन्होंने मंत्रियों के लिए लगाए गए 16-सीटर लग्जरी वाहन के आगे खड़े होकर उसे रोक लिया और कहा, “यह मंत्री के लिए वाहन है, इसमें फालतू लोग क्यों बैठे हैं?”

संगम स्नान के बाद क्यों फूटा गुस्सा?
अरैल स्थित अस्थायी सर्किट हाउस त्रिवेणी संकुल में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद सभी मंत्री संगम स्नान के लिए पहुंचे. इस दौरान मंत्रियों के लिए आगरा से मंगाए गए विशेष लग्जरी वाहन लगाए गए थे. लेकिन स्नान के बाद, जब सभी मंत्री लौटे, तो ओपी राजभर को किसी भी वाहन में जगह नहीं मिली. उनकी नाराजगी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
पुलिस अधिकारियों और अन्य मंत्रियों ने स्थिति को संभालते हुए उन्हें दूसरे वाहन में बिठाया, जिसके बाद वे त्रिवेणी संकुल पहुंच सके.
योगी ने दिया एकजुटता का संदेश
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सहयोगी दलों के नेताओं को विशेष महत्व देकर अपनी सरकार की एकजुटता का संदेश दिया. मुख्यमंत्री ने ओपी राजभर, निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद, अपना दल (एस) के नेता आशीष पटेल और रालोद से अनिल कुमार को मंच पर बुलाकर अपने बगल में खड़ा किया. योगी ने कहा, “राजभर जी, आशीष जी, निषाद जी, आप लोग पीछे क्यों हैं? यहां आइए.”
सहयोगी दलों की नाराजगी दूर करने की कोशिश
मुख्यमंत्री का यह कदम इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि सहयोगी दलों की हालिया नाराजगी खुलकर सामने आई थी. आशीष पटेल ने अपनी और अपनी पत्नी की संपत्ति की जांच के लिए सरकार को चुनौती दी थी. वहीं, निषाद पार्टी के संजय निषाद ने उपचुनाव में टिकट न मिलने पर खुलकर असंतोष व्यक्त किया था.
राजनीतिक संदेश
मुख्यमंत्री ने इस पूरे घटनाक्रम को संभालते हुए यह दिखाने की कोशिश की कि उनकी सरकार में सहयोगी दलों को पूरा सम्मान दिया जाता है. भले ही ओपी राजभर का नाराजगी भरा वीडियो वायरल हुआ हो, लेकिन मुख्यमंत्री के इस कदम ने सहयोगियों को साथ लेकर चलने का संदेश दिया.