
मालदीव एक गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, और स्थिति श्रीलंका तथा पाकिस्तान जैसे देशों के संकटों से मिलती-जुलती होती जा रही है. बढ़ते कर्ज़ के दबाव और राजस्व में कमी की वजह से मालदीव की अर्थव्यवस्था पर संकट गहरा गया है. इस बीच, भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह मालदीव के साथ इस संकट पर लगातार संपर्क बनाए हुए है और द्वीप राष्ट्र की मदद के लिए तैयार है.
भारत ने कहा – लगातार संपर्क में हैं मालदीव के अधिकारियों से
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक सवाल के जवाब में बताया कि भारत मालदीव के अधिकारियों के साथ निकट संपर्क में है और उनकी स्थिति पर ध्यान दे रहा है. उन्होंने कहा कि मालदीव सरकार द्वारा किए गए हाल के समझौतों से राजस्व में कमी आने का खतरा बढ़ गया है, जो चिंता का विषय है.
कर्ज संकट की मुश्किलें
मालदीव की स्थिति अब और भी जटिल होती जा रही है, और कर्ज़ के बढ़ते बोझ के कारण देश की माली हालत बिगड़ रही है. इस वित्तीय दबाव के चलते सरकार को बड़े फैसले लेने पड़ रहे हैं, जिनका असर आम जनता की जिंदगी पर भी हो सकता है.
भारत का सहयोग
भारत ने यह स्पष्ट किया कि वह मालदीव को संकट से उबारने के लिए हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है. विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि भारत मालदीव के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करने के लिए जरूरी कदम उठाएगा और दोनों देशों के बीच मौजूदा आर्थिक समझौतों पर ध्यान देगा.
मालदीव में बढ़ते आर्थिक संकट और भारत के साथ इसके तंग संबंधों के बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि द्वीपीय देश इस संकट से उबरने के लिए कौन से कदम उठाता है.