महाकुंभ 2025 के दौरान एक अनोखी घटना सामने आई है, जहां महज 13 साल की राखी साध्वी बन गई. जूना अखाड़े के इस फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया है. वहीं, इस पर राखी के दादा-दादी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. दरअसल राखी का जन्म मध्य प्रदेश के एक सामान्य परिवार में हुआ. बताया जा रहा है कि बचपन से ही वह आध्यात्म और भक्ति में रुचि रखती थीं. परिवार के सदस्य कहते हैं कि राखी का झुकाव बचपन से ही आध्यात्म की ओर था, लेकिन 13 वर्ष की उम्र में उनके साध्वी बनने कि उम्मीद नहीं थी. अब जूना अखाड़े ने विशेष अनुष्ठान के बाद उन्हें दीक्षा देकर साध्वी का दर्जा दिया है. राखी के दादा-दादी ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी, उनका कहना है, “हमारी पोती बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति की थी, लेकिन इतनी छोटी उम्र में उसे संन्यास ग्रहण करवा देना हमारे लिए भी एक भावनात्मक क्षण है. हम चाहते थे कि वह पहले अपनी शिक्षा पूरी करे, लेकिन यह उसका और अखाड़े का निर्णय है. अगर वह इस मार्ग पर खुश है, तो हमें भी संतोष है.”इस फैसले पर सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है. कई लोग 13 साल की बच्ची को संन्यास दिलाने के फैसले की आलोचना कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे एक आध्यात्मिक उपलब्धि मान रहे हैं.