उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें ओवैसी ने कहा था कि मुसलमान खतरे में हैं। योगी ने कहा कि मुसलमान नहीं, बल्कि उनकी वोट बैंक की राजनीति खतरे में है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय मुसलमानों को समझना होगा कि उनकी सुरक्षा तब तक सुनिश्चित है, जब तक हिंदू और हिंदू परंपराएं सुरक्षित रहेंगी। योगी ने यह भी याद दिलाया कि 1947 से पहले पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत का हिस्सा थे और इन देशों में हिंदू मंदिरों की मौजूदगी इस बात का प्रमाण है।
CAA पर योगी आदित्यनाथ का बयान: ‘हिंदू विरोधी मानसिकता खतरनाक है’
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर भी योगी आदित्यनाथ ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जो लोग इस्लाम के खतरे में होने की बात कर रहे हैं, वे पहले हिंदुओं का विरोध करते थे। अगर यही लोग भारत में हिंदुओं का विरोध कर रहे हैं, तो पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति क्या होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। योगी ने कहा कि इन लोगों की मानसिकता से पता चलता है कि हिंदू विरोधी नफरत कितनी खतरनाक हो सकती है।
तिरपाल मस्जिदों पर टिप्पणी: ‘रंगों से खेलना किसी की पहचान खराब नहीं करता’
संबल में तिरपाल से ढकी मस्जिदों के बारे में पूछे जाने पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर आप रंगों से खेल रहे हैं, तो यह किसी पर भी डाला जा सकता है, लेकिन इससे किसी की पहचान खराब नहीं होती। उन्होंने कहा कि मुहर्रम के दौरान जुलूसों के झंडे की छाया भी हिंदू घरों के पास पड़ती है, लेकिन इससे घर अपवित्र नहीं हो जाता। योगी ने यह भी कहा कि इस मामले में दोहरे मापदंड क्यों अपनाए जाते हैं, यह समझ से परे है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कई मुसलमानों ने हमारे साथ होली भी खेली है।
महाकुंभ में मुसलमानों के भाग लेने पर योगी का बयान: ‘कुंभ सभी भारतीयों के लिए है’
महाकुंभ में मुसलमानों के भाग लेने पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुंभ उन सभी के लिए है, जो खुद को भारतीय मानते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय बनकर आने वाले सभी का स्वागत है, लेकिन नकारात्मक मानसिकता के साथ आने वालों को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
ईद और रामनवमी जुलूसों पर एसओपी का पालन: योगी आदित्यनाथ का बयान
ईद और रामनवमी के जुलूसों पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समय-समय पर प्रशासन के साथ बैठकें की जाती हैं और इसके लिए एक एसओपी तैयार किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश पहला राज्य है, जिसने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार धार्मिक स्थलों से माइक की आवाज को नियंत्रित किया है। योगी ने यह सवाल भी उठाया कि अगर उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में यह संभव है, तो पश्चिम बंगाल में ऐसा क्यों नहीं हो सकता।