
बिहार : गयाजी में सोमवार को मेघ गर्जन के साथ हुई बारिश के दौरान गया शहर के उत्तरी हिस्से रामशिला मोड़ पर स्थित एक मंदिर का फर्श (सतह) टूट गया। सतह (फर्श) पर ही शिवलिंग स्थापित था। जो टूटे सतह(फर्श) के साथ इस मंदिर के नीचे तालाब में जा गिरा। इस घटना की जानकारी जैसे ही लोगों तक पहुंची, यहां भीड़ उमड़ पड़ी। लोग शिवलिंग की तलाश शुरू कर दिए हैं। खबर लिखे जाने तक शिवलिंग नहीं मिला है। आस्थावान इसे प्राकृतिक आपदा और भगवान की लीला मान कर चल रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि अचानक मेघ गर्जन हुआ। तेज बारिश होने लगी। लोग अपने घरों और आसपास के दुकानों में शरण ले चुके थे। जब बारिश रूकी तो एक श्रद्धालु शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग को प्रणाम करने पहुंचे तो देखा कि मंदिर का सतह (फर्श) टूटा हुआ है और शिवलिंग नहीं है। इसकी जानकारी आसपास के लोगों तक पहुंची तो लोगों की भीड़ लग गई।
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह गौरैया स्थान है। जो काफी पुराना है। इस स्थान पर पुराना तालाब हुआ करता था। जो कालांतर में विलुप्त होने लगा है। यही पर स्थानीय लोगों के सहयोग से एक शिव मंदिर का निर्माण कराया गया था। मंदिर निर्माण के लिए तालाब के हिस्से पर पिलर दिया गया। इसके बाद शिवलिंग की स्थापना की गई थी। आसपास के लोगों के अलावा दूर दराज के लोग भी श्रद्धा भाव से गौरैया स्थान मंदिर में पूजा अर्चना करने आते हैं। पास बने शिव मंदिर में नित्य दिन पूजा पाठ भी लोग करने आते हैं। यहां लगी भीड़ में रहे लोग इस घटना को किसी ईश्वरीय प्रकोप बता रहे थे तो कई लोग भगवान की लीला कह रहे थे। लोग कहते सुने गए कि यह मंदिर काफी पुराना है और लोगों की आस्था इस मंदिर से जुड़ी हुई है। अब जबकि शिवलिंग तालाब के अंदर जा गिरा है तो इसे ढूंढ कर निकालने की कवायद में लोग जुट गए हैं। यहां मौजूद लोगों द्वारा जितनी मुंह उतनी बातें की जाने लगी है।
मेघ गर्जन के साथ बारिश के कारण मंदिर ही नहीं गया काॅलेज के इग्नू विभाग का भवन भी क्षतिग्रस्त हुआ है। सोमवार दोपहर हुई तेज बारिश के कारण इग्नू विभाग के भवन का छज्जा अचानक गिर पड़ा। हालांकि इस घटना में उस वक्त एक भी छात्र नहीं थे। जिसके कारण एक बड़ी घटना होने से बच गया। फिलहाल उक्त घटना में तीन बाइक पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।