माघ पूर्णिमा के बाद महाकुंभ के पलट प्रवाह के कारण अवध क्षेत्र, विशेषकर अयोध्या, अमेठी, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर और बाराबंकी में बृहस्पतिवार को भीषण जाम की स्थिति देखने को मिली। सबसे खराब हालात अयोध्या में थे, जहां 10 लाख से अधिक श्रद्धालु रामनगरी पहुंचे थे। प्रयागराज महाकुंभ में डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं का पलट प्रवाह सबसे ज्यादा अयोध्या की ओर हुआ। इस कारण यातायात व्यवस्था पर दबाव बढ़ गया और जिले की सीमा से ही वाहनों को डायवर्ट किया गया।
गोरखपुर, गोंडा, लखनऊ, रायबरेली और अंबेडकरनगर मार्गों पर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई। सुल्तानपुर में लखनऊ-वाराणसी हाईवे पर करीब 25 किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा, जबकि अमहट से लंभुआ तक वाहनों की कतारें लगी रही। यहां बुधवार रात 10 बजे से लेकर बृहस्पतिवार शाम 4 बजे तक अयोध्या जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया गया। इसके परिणामस्वरूप श्रद्धालु 17 घंटे तक जाम में फंसे रहे और उन्हें भूख-प्यास से कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री निर्मल कुमार कटका भी रामलला के दर्शन के बाद प्रयागराज जा रहे थे, लेकिन वे कूरेभार में जाम में फंस गए। पुलिस ने किसी तरह उन्हें जाम से निकाला। पश्चिम बंगाल के विजय मैती ने बताया कि वह बुधवार रात प्रयागराज से अयोध्या के लिए निकले थे, लेकिन 14 घंटे में किसी तरह पयागपुरी पहुंचे। डायवर्जन के कारण उन्हें पुलिस ने लगातार भटकाया।
अंबेडकरनगर में भी वाहनों के अयोध्या में प्रवेश पर रोक के कारण स्थिति और खराब हो गई। यहां हजारों श्रद्धालु फंसे रहे। अमेठी में मार्ग परिवर्तित होने और जगह-जगह वाहनों को रोके जाने से श्रद्धालु परेशान रहे। रायबरेली-अयोध्या हाईवे पर कई श्रद्धालुओं को इंतजार करना पड़ा। बाराबंकी में भी डायवर्जन लागू रहा, जिससे आगरा के 150 श्रद्धालु रामलला के दर्शन किए बिना ही लौटने को मजबूर हो गए।
इस दौरान बस्ती और गोरखपुर जाने वाले श्रद्धालुओं को भी दिक्कतें आईं, और पुलिस ने ग्रामीण मार्गों पर बैरियर लगाकर यातायात को नियंत्रित किया।