
बिहार: दुनिया के दूसरे और सबसे बड़े हाईटेक अस्पताल पीएमसीएच का सीएम नीतीश कुमार ने 3 मई को लोकार्पण किया था। 5,540 करोड़ रूपये की लागत से बन रहे इस विश्वस्तरीय अस्पताल में मरीजों के लिए फिलहाल 1117 बेड की व्यवस्था की गई है, जो बढ़कर 5,462 बेड होने वाला है। लेकिन दुर्भाग्य है कि इसी अस्पताल में मुजफ्फरपुर से रेफर की गई 9 साल की एक दुष्कर्म पीड़िता को एक बेड नहीं मिल पाया, जिस वजह से उसे घंटों एम्बुलेंस में ही रहना पड़ा। अंत में बच्ची की मौत हो गई। यह घटना 26 मई की है, जब नौ साल की बच्ची का रेप के बाद आरोपियों ने उसका गला रेत दिया था।
घटना की जानकारी होने पर ग्रामीणों की मदद से बच्ची को एसकेएसीएच में भर्ती कराया, जहां उसका पांच दिनों तक इलाज हुआ। लेकिन बच्ची की हालत में सुधार होने के बजाय लगातार उसकी स्थिति बिगड़ ही रही थी। तब वहां डॉक्टरों ने बच्ची को बेहतर इलाज के लिए बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच रेफर कर दिया। लेकिन शर्मनाक बात यह है कि जिस अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस बिहार के सबसे बड़े अस्पताल का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी, उसमें उस मासूम को एक बेड नहीं मिला, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। मासूम बच्ची मुजफ्फरपुर जिले के तुर्की थाना क्षेत्र की रहने वाली थी। परिजनों का आरोप है कि मुजफ्फरपुर से लाई गई बच्ची को पीएमसीएच में काफी देर तक बेड नहीं मिला और उचित इलाज नहीं मिलने के कारण उसने दम तोड़ दिया।
पीएमसीएच में हुए लापरवाही के संबंध में पीड़िता के चाचा का कहना है कि एसकेएमसीएच से पीएमसीएच रेफर किया गया था। लेकिन यहां आने के बाद बहुत परेशानी हुई। उन्हें इधर-उधर दौड़ाया गया। ऑक्सीजन खत्म होने वाला था। जब उन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए बात की तो कहा गया कि 2000 रुपए लेंगे तब देंगे। तब तक बच्ची की मौत हो गई। इस संबंध में पीएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डॉ अभिजीत सिंह ने बताया कि बच्ची को स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। उसका गला काट दिया गया था उसके और गुप्तांगों में चोट थी। बच्ची की स्थिति काफी गंभीर थी।