झारखंड सरकार ने राज्य में प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के 28,945 सरकारी प्राथमिक विद्यालयों को टैबलेट प्रदान किए। यह पहल राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के तहत झारखंड मंत्रालय परिसर में आयोजित एक समारोह में की गई। इस कार्यक्रम के दौरान, गुणवत्तायुक्त शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विद्यालय रिपोर्ट कार्ड और शिक्षकों के लिए 50 घंटे के अनिवार्य समेकित-सतत क्षमता विकास कार्यक्रम का भी ऑनलाइन शुभारंभ किया गया। झारखंड सरकार का यह निर्णय शिक्षकों को डिजिटल साक्षरता से जोड़ने और शिक्षण प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की हाजिरी से लेकर अन्य प्रशासनिक प्रक्रियाएं ऑनलाइन की जाएंगी। इससे न केवल शिक्षकों की जवाबदेही बढ़ेगी बल्कि कक्षाओं में उनकी उपस्थिति भी सुनिश्चित होगी, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस अवसर पर कहा, “हमारी सरकार शिक्षा के डिजिटलीकरण को प्राथमिकता दे रही है। शिक्षकों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाना समय की जरूरत है ताकि वे छात्रों को आधुनिक और प्रभावी तरीके से शिक्षित कर सकें।” इस पहल के तहत, अब सरकारी स्कूलों में डिजिटल माध्यम से पढ़ाई को सशक्त किया जाएगा, जिससे शिक्षा प्रणाली को समग्र रूप से सुधारने में मदद मिलेगी। झारखंड के कई सुदूरवर्ती क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों की कमी एक बड़ी चुनौती रही है। इस पहल के जरिए, इन क्षेत्रों के स्कूलों में भी डिजिटल शिक्षा को सशक्त किया जाएगा, जिससे वहां के छात्रों को भी आधुनिक शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने बजट सत्र से पहले यह पहल कर झारखंड के लोगों को एक बड़ी सौगात दी है। हेमंत सोरेन सरकार के सत्ता में वापसी के बाद यह पहला बजट सत्र है, जो तीन मार्च को पेश किया जाएगा। इससे पहले, प्राथमिक स्कूलों को टैबलेट उपलब्ध कराना एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। यह कदम राज्य के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने और छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।