रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को झारखंड के तीन रेलवे स्टेशनों का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। ये स्टेशन अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत नए रूप में विकसित किए गए हैं। गोंविदपुर रोड (खूंटी), राजमहल (साहेबगंज) और शंकरपुर (देवघर) स्टेशन अब आधुनिक सुविधाओं से युक्त और यात्रियों के लिए अधिक अनुकूल हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक, खूंटी जिले के गोंविदपुर रोड रेलवे स्टेशन को हाटिया-राउरकेला रेलखंड के अंतर्गत दक्षिण पूर्व रेलवे के रांची मंडल में विकसित किया गया है। करीब 6.65 करोड़ रुपये की लागत से इस स्टेशन का कायाकल्प किया गया। पुनर्विकास का शिलान्यास इसी साल 26 फरवरी को किया गया था। पहले जहां स्टेशन पर केवल बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध थीं, अब यहां एक नया स्टेशन भवन, विस्तृत प्रतीक्षालय, कम्प्यूटरीकृत टिकट काउंटर, उच्च स्तरीय प्लेटफॉर्म, विस्तारित प्लेटफॉर्म शेड, आधुनिक फुटओवर ब्रिज, लिफ्ट, रैंप, एलईडी लाइटें, दिव्यांग यात्रियों के लिए स्पेशल रैंप और टैक्टाइल पाथ, शुद्ध पेयजल सुविधा, सुव्यवस्थित पार्किंग क्षेत्र और चौड़ी पहुंच सड़कें मौजूद हैं। इसके साथ ही स्टेशन परिसर को स्थानीय कला और सांस्कृतिक झलकियों से सजाया गया है, जो क्षेत्रीय पहचान को भी उभारता है।
इस मौके पर राज्य के भूमि एवं राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और टोरपा विधायक सुदिव्या गुड़िया भी गोंविदपुर रोड स्टेशन परिसर में आयोजित समारोह में मौजूद रहे। साहेबगंज जिले का राजमहल स्टेशन और देवघर का शंकरपुर स्टेशन पूर्व मध्य रेलवे (ECR) के अंतर्गत आते हैं। इन दोनों स्टेशनों का पुनर्विकास लगभग 15 करोड़ रुपये की संयुक्त लागत से किया गया है। यहां पर यात्रियों की सुविधा के लिए प्लेटफॉर्म का विस्तार, आधुनिक टॉयलेट, सर्कुलेटिंग एरिया, हरियाली और सौंदर्यीकरण के साथ-साथ दिव्यांग अनुकूल सुविधाएं जैसे रैंप, गाइडिंग टैक्टाइल पाथ और सुलभ शौचालयों का निर्माण किया गया है। रेलवे ने यह भी बताया कि इस विकास कार्य का उद्देश्य यात्रियों को बेहतर, सुरक्षित और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध यात्रा अनुभव प्रदान करना है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत झारखंड के कुल 57 रेलवे स्टेशनों को आधुनिक रूप दिया जा रहा है। यह योजना यात्रियों की सुविधा के साथ-साथ स्थानीय कला, संस्कृति और विरासत को भी रेलवे के माध्यम से प्रदर्शित करने का एक सशक्त माध्यम बन रही है।