झारखंड की राजनीति में एक विधायक को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो चुका है। दरअसल, बोकारो से कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह के नाम दो पैन कार्ड होने की खबर सामने आई है। दोनों ही पैन कार्ड में जन्म तिथि 19 जून 1984 दर्ज है, लेकिन पिता के नाम अलग-अलग हैं। गुरुग्राम से जारी पैन कार्ड CWTPS5392A में पिता का नाम दिनेश कुमार सिंह लिखा गया है, जबकि रामगढ़ से बने दूसरे पैन कार्ड CECPS8218E में पिता के नाम की जगह संग्राम सिंह लिखा हुआ है। इस घटनाक्रम में ध्यान आकर्षित करने वाला बिंदु ये है कि अपने चुनावी हलफनामे में विधायक ने पति के कॉलम के नाम के सामने संग्राम सिंह लिखा है, लेकिन वहीं अगर चुनावी शपथ पत्र में गौर करें तो उनका पैन कार्ड रामगढ़ से बना हुआ है, जिसमें उनके पिता का नाम संग्राम सिंह दर्ज है। विधायक श्वेता सिंह के पास दो पैन कार्ड होने की सूचना मिलने के बाद ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विपक्ष इस मुद्दे पर एक्शन मोड में आ चुका है। इसी कड़ी में आज भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल संतोष गंगवार को ज्ञापन सौंपकर उचित कारवाई करने की मांग की है।
रांची विधायक सीपी सिंह ने इस मुद्दे पर विधायक श्वेता सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि आम लोगों के पास एक ही पैन कार्ड होते है, लेकिन इनके पास तो दो दो पैन कार्ड हैं। चुनाव के समय जब नॉमिनेशन की प्रक्रिया हुई, उस समय उनके द्वारा जानकारी नहीं देना उनकी मानसिकता को उजागर करता है। बोकारो के पूर्व विधायक बिरंची नारायण ने मौजूदा विधायक श्वेता सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि श्वेता सिंह ने दो पैन कार्ड बनवाए, एक अपने पिता के नाम से और दूसरा अपने पति के नाम से। इस मामले को लेकर उन्होंने सवाल खड़े किए हैं और इसकी जांच की मांग की है। बिरंची नारायण ने कहा कि उन्होंने इस विषय को लेकर झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात की है और कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि जांच में श्वेता सिंह दोषी पाई जाती हैं, तो उनकी विधायकी तुरंत रद्द की जानी चाहिए।