पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर ने पूरे देश में शोक की लहर पैदा कर दी है। उनकी निधन की खबर के बाद, झारखंड सरकार ने शुक्रवार को उनके सम्मान में सात दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की। इस दौरान राज्य सरकार ने झारखंड मुख्यमंत्री मैय्यन सम्मान योजना जेएमएमएसवाई के राज्य स्तरीय कार्यक्रम सहित सभी निर्धारित सरकारी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया। यह शोक 26 दिसंबर से 1 जनवरी तक जारी रहेगा, और झारखंड सरकार ने कहा है कि राज्य के उन सभी भवनों पर, जहां नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, उसे आधा झुका दिया जाएगा। इस अवधि में कोई राजकीय समारोह आयोजित नहीं किया जाएगा। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, जिन्हें देश में आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में पहचाना जाता है, 26 दिसंबर को अंतिम सांस ली। उनकी सेवाओं को श्रद्धांजलि देते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि देश ने अपने एक महान सपूत को खो दिया है। राज्यपाल संतोष गंगवार ने भी शोक व्यक्त किया और डॉ. मनमोहन सिंह के भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में किए गए योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। डॉ. मनमोहन सिंह का कार्यकाल देश की राजनीति में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। वे भारत के एकमात्र प्रधानमंत्री थे, जिनका हस्ताक्षर भारतीय मुद्रा करेंसी पर था। 2005 में, जब वे प्रधानमंत्री थे, भारत सरकार ने 10 रुपये का एक नया नोट जारी किया, जिस पर डॉ. मनमोहन सिंह का हस्ताक्षर था, जो उस समय के सामान्य नियमों से अलग था, क्योंकि सामान्यत: नोटों पर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर होते थे। यह विशेष बदलाव उनके योगदान और समर्पण का प्रतीक था। इस प्रकार, डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन और उनका कार्यकाल भारतीय राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज पर गहरी छाप छोड़ने वाला रहेगा। उनके योगदान को सदा याद किया जाएगा और उनके निधन से देश ने एक अद्वितीय नेता को खो दिया है।