चुनाव आयोग ने इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट (IIIDEM) में 1 लाख से अधिक बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के पहले बैच का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। इस दो दिवसीय प्रशिक्षण में बिहार, पश्चिम बंगाल और असम के बीएलओ शामिल हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त डॉ. विवेक जोशी ने इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस पहल के तहत, अगले कुछ वर्षों में देशभर में औसतन हर 10 मतदान केंद्रों पर एक बीएलओ को प्रशिक्षित किया जाएगा। ये प्रशिक्षित बीएलओ विधानसभा स्तर के मास्टर ट्रेनर (एएलएमटी) बनेंगे, जिससे मतदाता सूचियों को सटीक और अद्यतन रखने में मदद मिलेगी। इस कार्यक्रम में बिहार, पश्चिम बंगाल और असम के 109 बीएलओ के अलावा, इन राज्यों और केरल, पुडुचेरी व तमिलनाडु के 24 ईआरओ (निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी) और 13 डीईओ (जिला निर्वाचन अधिकारी) भी भाग ले रहे हैं। प्रशिक्षण के दौरान बीएलओ को आरपी अधिनियम 1950, मतदाता पंजीकरण नियम 1960 और चुनाव आयोग के निर्देशों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, उन्हें मतदाता सूचियों को त्रुटि रहित बनाने के लिए जरूरी फॉर्म भरने और आईटी एप्लिकेशन के उपयोग का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि एसडीएम स्तर के अधिकारियों को ईआरओ के रूप में नियुक्त किया जाए, ताकि वे बीएलओ की बेहतर निगरानी कर सकें। उन्होंने जोर देकर कहा कि बीएलओ का चयन करते समय उनकी वरिष्ठता और स्थानीयता को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने सभी सीईओ, डीईओ और ईआरओ को सर्वदलीय बैठकें आयोजित करने और मतदाता सूचियों को सही रखने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने को कहा। साथ ही, बीएलओ से अपील की गई कि वे घर-घर जाकर सत्यापन के दौरान मतदाताओं के साथ विनम्रता से पेश आएं। किसी भी तरह की शिकायत पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि वे 100 करोड़ मतदाताओं के साथ खड़े हैं और उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे।