झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1,45,400 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट पेश किया है। इस बजट को वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने विधानसभा में ‘अबुआ बजट’ करार दिया, जो राज्य के समग्र विकास के लिए समर्पित है। इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, ग्रामीण विकास और महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है।
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए ऐतिहासिक पहल: ‘मईंया सम्मान योजना’ इस बजट में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए ‘मईंया सम्मान योजना’ को 13,363 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को 2500 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाएगी। वित्त मंत्री ने इसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की दूरदर्शी सोच का परिणाम बताया, और कहा कि यह योजना महिलाओं के भविष्य को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।
सामाजिक सुरक्षा और ग्रामीण विकास पर जोर झारखंड सरकार ने इस बजट में 22,023 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए आवंटित की है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य के गरीब और वंचित वर्गों को सीधे लाभ पहुंचाना है। वहीं, ग्रामीण विकास के लिए 9,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, ताकि गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार हो सके और रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकें।
राज्य के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता का लक्ष्य वित्त मंत्री ने झारखंड को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए 2029 तक 10 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए राज्य में निवेश बढ़ाने, स्थानीय संसाधनों का बेहतर उपयोग करने और पर्यटन, उद्योग और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में नई योजनाओं की शुरुआत करने की योजना है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ऐतिहासिक पहल और विपक्ष की आलोचना बजट पेश होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह बजट झारखंड के हर नागरिक के लिए फायदेमंद होगा और राज्य सरकार सभी वर्गों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं, विपक्षी दलों ने इस बजट की आलोचना की और इसे सिर्फ आंकड़ों का खेल करार दिया। भाजपा और अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार सिर्फ घोषणाएं कर रही है, लेकिन जमीन पर ज्यादा कुछ नहीं बदला।
राज्य से पलायन कम किया जाएगा।
बालिकाओं की उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 310 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
तालाबों का जीर्णोद्धार कार्य शुरू किया जाएगा।
राज्य के पर्यटन क्षेत्रों का विकास किया जाएगा।
रांची स्थित श्री राम जानकी तपोवन मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाएगा।
राज्य के संसाधनों का बेहतर उपयोग कर रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएंगे।
झारखंड का यह बजट आने वाले समय में राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए एक अहम कदम साबित हो सकता है, लेकिन इसे लेकर राजनीतिक विवाद और आलोचनाएं भी जारी हैं।