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झारखंड विधानसभा का चार दिवसीय सत्र, विधायकों की शपथ और अहम मुद्दों पर चर्चा

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Four-day session of Jharkhand Assembly

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में झारखंड मुक्ति मोर्चा झामुमो नीत गठबंधन ने बड़ी जीत हासिल की, जिसके बाद हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अब राज्य के नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण की तैयारी चल रही है। इसके लिए विधानसभा का चार दिवसीय सत्र 9 से 12 दिसंबर तक आहूत किया गया है। जामताड़ा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रवींद्र महतो झारखंड विधानसभा के नए अध्यक्ष बनाए जाएंगे। वे शपथ ग्रहण समारोह की अगुवाई करेंगे। विधायकों का शपथ ग्रहण 20 विभिन्न भाषाओं में किया जा सकता है। यह समारोह सत्र के पहले दो दिनों में आयोजित होगा। इसके बाद झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष का चुनाव होगा। यह एक अहम प्रक्रिया होगी, जो विधानसभा की भविष्य की कार्यप्रणाली को तय करेगी। सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी और साथ ही अनुपूरक बजट पर भी विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार राज्य को बेहतर दिशा देने के लिए 15-16 मुख्य बिंदुओं पर काम करेगी। इन बिंदुओं के आधार पर राज्य के विकास की नई योजनाएं तैयार की जाएंगी। झामुमो नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार में पहले ही 11 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ले ली है। ग्रामीण विकास मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि राज्य में विकास और जनहित के मुद्दों को प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने वादा किया है कि पिछले 5 वर्षों में जो विकास हुआ है, उसे अगले कार्यकाल में और गति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए ठोस कदम उठाएगी। विधानसभा सत्र से पहले भाजपा ने अपनी भावी रणनीति पर चर्चा की। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने बताया कि विधायक दल की बैठक में सदस्यता अभियान और विधानसभा में पार्टी की भूमिका पर विशेष रूप से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य की समस्याओं के समाधान के लिए आगामी दिनों में और बैठकें करेगी। भाजपा सत्र के दौरान विधानसभा में समय पर उपस्थित रहेगी और राज्य के मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति अपनाएगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संकेत दिया है कि आने वाले समय में सरकार नई योजनाओं और नीतियों के जरिए राज्य को एक नई दिशा देने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि यह सत्र राज्य के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक होगा। झारखंड विधानसभा सत्र में लिए जाने वाले निर्णय न केवल राज्य की प्रशासनिक दिशा तय करेंगे, बल्कि झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य पर भी गहरा प्रभाव डालेंगे।