झारखंड विधानसभा में गुरुवार को विपक्षी भाजपा ने हजारीबाग हिंसा का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। यह घटना महाशिवरात्रि के दिन हजारीबाग के इचाक में हुई थी, जहां धार्मिक झंडे और लाउडस्पीकर लगाने को लेकर दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। इस झड़प के दौरान कई लोग घायल हो गए थे, और स्थिति ने हंगामा पैदा कर दिया था। भाजपा ने इस हिंसा की निष्पक्ष और गहन जांच की मांग करते हुए राज्य सरकार से शांति बहाल करने की अपील की।
भाजपा विधायकों ने विधानसभा में कार्यवाही शुरू होते ही हजारीबाग की हिंसा पर जोरदार हंगामा किया। उन्होंने कहा कि इस झड़प में कई मोटरसाइकिलों और ऑटो-रिक्शा को आग के हवाले कर दिया गया था, और यह घटनाएँ किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जा सकतीं। भाजपा ने राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने और हिंसा के दोषियों को सजा दिलाने की मांग की। इसके अलावा, भाजपा के विधायक अमित यादव ने कहा कि सरकार को शांति बहाल करने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए और इस मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करनी चाहिए।
साथ ही, भाजपा ने मंत्री इरफान अंसारी से आरोप लगाया कि उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं पर इस हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाया था, और उनकी ओर से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी जानी चाहिए। भाजपा का कहना था कि यदि मंत्री को इस संबंध में कुछ प्रमाण मिले हैं तो उन्हें इसे स्पष्ट रूप से पेश करना चाहिए, लेकिन यदि यह आरोप आधारहीन हैं, तो उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने विपक्षी नेताओं से आग्रह किया कि वे अपनी बात रखें, लेकिन प्रश्नकाल चलने देने की भी अपील की। अध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि भाजपा विधायकों को अपनी बात रखने का पूरा अवसर मिलेगा, लेकिन सदन की कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न नहीं होना चाहिए। इसके बाद, भाजपा के विधायक अपनी सीटों पर बैठ गए और प्रश्नकाल चलने दिया गया।
भाजपा के हजारीबाग विधायक प्रदीप प्रसाद ने भी सदन में हजारीबाग हिंसा की जांच के लिए एक समिति गठित करने की मांग की, ताकि घटना की निष्पक्ष जांच हो सके और सच सामने आ सके। उन्होंने इस हिंसा के पीछे के कारणों और दोषियों को सामने लाने के लिए एक उपयुक्त तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस मामले ने न केवल विधानसभा में बल्कि पूरे राज्य में चर्चा का विषय बना लिया है। भाजपा का आरोप है कि राज्य सरकार इस हिंसा को लेकर चुप रही है और दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं, सरकार का कहना है कि वह इस मुद्दे पर गंभीर है और जांच प्रक्रिया जारी है।
हजारीबाग हिंसा ने झारखंड में सांप्रदायिक तनाव को और बढ़ा दिया है, और विपक्षी भाजपा का आरोप है कि सरकार हिंसा की गंभीरता को समझते हुए त्वरित और प्रभावी कदम नहीं उठा रही है। भाजपा ने इस हिंसा की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए राज्य सरकार से शांति बहाल करने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है।