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महिला उद्यमिता को मिल रही जे-वायर्स से एक पहचान, सोलर दीदी के रूप में जीविका दीदियों का हो रहा नाम

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Women entrepreneurship is getting an identity from J-WIRES,

बिहार में ग्रामीण क्षेत्र की महिलायें जीविका के मार्गदर्शन,सहयोग एवं प्रशिक्षण के बाद जीविका वीमेन इनिशिएटिव रिन्यूएबल एनर्जी एंड सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड (जे.वायर्स) की स्थापना करते हुए कस्टमाइज्ड सोलर और इलेक्ट्रिकल उत्पादों का निर्माण, वितरण, बिक्री और विपणन कर रही हैं।

जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़कर ग्रामीण परिवेश की महिलाएं अब जीविका दीदी के तौर पर अपनी पहचान बनाते हुए आत्मनिर्भरता के सफ़र को सफलता के शिखर तक ले जा रही हैं। आत्मनिर्भरता के सफर में जीविका दीदियों ने सौर क्रांति का भी आगाज किया है। महिलायें जे.वायर्स की स्थापना करते हुए कस्टमाइज्ड सोलर और इलेक्ट्रिकल उत्पादों का निर्माण, वितरण, बिक्री और विपणन कर रही हैं। इस कार्य में 382 जीविका दीदियाँ सोलर मार्ट का संचालन करते हुए जीविकोपार्जन से जुड़ी हैं।

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बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति द्वारा सम्पोषित जीविका सामुदायिक संगठनों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओँ को विभिन्न गतिविधियों से जोड़ कर सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। गया जिले के डोभी प्रखंड में जनवरी 2020 में स्थापित जे-वायर्स इसी दिशा में एक प्रयास है। यह संस्था महिलाओं को अक्षय ऊर्जा क्षेत्र से जोड़ते हुए उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर रही है। यह महिलाओं में आत्मनिर्भरता एवं उद्यमशीलता का विकास कर रही है। यह संस्था सामुदायिक संगठनों से जुड़ी महिलाओं को अक्षय ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े रोजगार से जोड़ते हुए, उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर आत्मनिर्भरता और उद्यमशीलता का विकास कर रही है।

सौर ऊर्जा और ऊर्जा-कुशल उत्पादों पर केंद्रित यह संगठन महिलाओं को पर्यावरणीय स्थिरता के साथ आर्थिक स्वतंत्रता और उद्यमशीलता के अवसर प्रदान करता है। जे-वायर्स ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सौर ऊर्जा और ऊर्जा-कुशल उत्पादों के प्रचार और बिक्री में शामिल कर आजीविका के साधन उपलब्ध कराता है। इस पहल के माध्यम से महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि अपने समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन रही हैं।

जे-वायर्स एक बहुआयामी कंपनी है, जो निर्माता, असेंबलर, व्यापारी और सिस्टम इंटीग्रेटर के रूप में इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सौर उत्पादों और परियोजनाओं में कार्यरत है। वर्तमान में, इस कंपनी में जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 60 महिलाएं शेयरहोल्डर के रूप में शामिल हैं, और यह संख्या भविष्य में 200 तक बढ़ाई जा सकती है। इनमें से 25 जीविका दीदियां प्रशिक्षित होकर एलईडी बल्ब असेंबली का तकनीकी कार्य कर रही हैं। कंपनी के संचालन के लिए 15 कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है जे-वायर्स का मुख्य उद्देश्य बिहार में सौर ऊर्जा का एक सुदृढ़ पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है, जिससे सामुदायिक संगठनों से जुड़ी महिलाओं (जीविका दीदियों) को स्थानीय स्तर पर व्यक्तिगत सोलर शॉप के माध्यम से आजीविका के अवसर प्राप्त हो सकें। इसके साथ ही, उनमें उद्यमशीलता का विकास हो और वे आत्मनिर्भर बन सकें।

सोलर ऊर्जा थ्रू लोकलाइजेशन फॉर सस्टेनेबिलिटी परियोजना के तहत 17.69 लाख से अधिक सोलर स्टडी लैंप वितरित किए गए हैं। इसके अलावा, 2,500 महिलाओं को सोलर दीदी के रूप में प्रशिक्षित किया गया है, जो सौर लैंप के इलेक्ट्रिक घटकों को असेंबल करने और बच्चों के बीच वितरित करने का कार्य करती हैं। जे-वायर्स ने अपने स्वयं के ब्रांड के तहत एलईडी बल्ब का उत्पादन शुरू किया है। यह ब्रांड न केवल गुणवत्ता में उत्कृष्ट है, बल्कि मूल्य की दृष्टि से भी प्रतिस्पर्धी है। कंपनी ने एमएसएमई और बीआईएस सर्टिफिकेट जैसे सभी आवश्यक प्रमाणन प्राप्त किए हैं। जे-वायर्स के माध्यम से नालंदा एवं सीतामढ़ी जिले में ऑक्सफैम इंडिया परियोजना के तहत तीन सौ सोलर स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं। यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक सुरक्षा और ऊर्जा की उपलब्धता को सुनिश्चित कर रही है।

आईआईटी-बॉम्बे के सहयोग से गया और औरंगाबाद जिलों में स्वच्छ खाना पकाने के समाधान और ऊर्जा-कुशल परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके तहत सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जे-वायर्स के माध्यम से बिहार के पांच जिलों (गया, नवादा, औरंगाबाद, पश्चिम चंपारण और भोजपुर) के 57 प्रखंडों में जीविका दीदियों द्वारा 382 सोलर मार्ट स्थापित किए हैं, जहां महिलाओं को सौर और ऊर्जा-कुशल उत्पादों को बढ़ावा देने और बेचने का प्रशिक्षण दिया जाता है। यह पहल महिलाओं के लिए उद्यमशीलता के नए द्वार खोल रही है और अक्षय ऊर्जा के प्रसार में योगदान दे रही है। इस योजना के तहत जे-वायर्स ने साउथ और नॉर्थ बिहार में , घरों में ऑन ग्रीड सोलर सिस्टम स्थापित किए हैं। इसके साथ ही, सौर ऊर्जा के फायदे और उपयोग के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जीविका दीदियों को इन सौर दुकानों के संचालन से जीविकोपार्जन का एक साधन मिला है।

जे-वायर्स अपने खुद के ब्रांड एलईडी बल्ब की निर्माता है। यह सेल्फ ब्लास्ट एलईडी लाइटिंग के लिए एमएसएमई और बीआईएस सर्टिफिकेट जैसे सभी आवश्यक सरकारी प्रमाणन को भी पूरा करती है। जीविका विभिन्न संस्थानों जैसे टेरी, आईआईटीबी, ईईएसएल, काउंसिल ऑन एनर्जी, इनवायरमेंट एंड वाटर और कई अन्य के साथ भी साझेदारी में है।

जीविका वीमेन इनिशिएटिव रिन्यूएबल एनर्जी एंड सॉल्यूशन के द्वारा सौर ऊर्जा की आवश्यकता के आकलन के अनुरूप कार्य करती है। महिलाओं द्वारा जे-वायर्स ब्रांड के तहत बनाये जा रहे एलईडी बल्ब गुणवत्ता की दृष्टि बेहतर होने के साथ मूल्य की दृष्टि से भी बाजार प्रतियोगी है। ऑक्सफैम इंडिया परियोजना के तहत नालंदा जिले में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गई है। बिहार में टेरी के सहयोग से सात हजार घरों में सब्सिडी दर पर एकीकृत घरेलू ऊर्जा प्रणाली जिसमें 80 प्रतिशत कम धुआँ उत्सर्जित करने वाला चूल्हा के साथ प्रकाश के लिये एलइडी बल्ब जुड़ा होता है, लगाया गया है। महिला उद्यमिता को बढ़ाते हुए इस वित्तीय वर्ष में सौर दुकानों की संख्या 650 तक किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। जीविका दीदियों को जे-वायर्स के माध्यम से उद्यमिता विकास के साथ सौर दुकानों से स्वरोजगार का अवसर मिला है।

जे-वायर्स द्वारा महिलाओं के लिए सतत आजीविका के अवसर सृजित करने का प्रयास किया जा रहा है। स्वच्छ और ऊर्जा-कुशल समाधानों को बढ़ावा देकर पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता कम करने का प्रयास है। सोलर दीदी के रूप में प्रशिक्षित महिलाओं के माध्यम से अक्षय ऊर्जा को जमीनी स्तर पर पहुंचाया।जे-वायर्स महिलाओं को अक्षय ऊर्जा क्षेत्र से जोड़कर उन्हें सशक्त बनाने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

जे-वायर्स सरकारी परियोजनाओं, निजी संस्थानों और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से लागत प्रभावी समाधान और सुनिश्चित सेवाएं प्रदान करता है। इसके अलावा, यह संगठन अनुसंधान परियोजनाओं, ऊर्जा आवश्यकताओं के आकलन और डीपीआर तैयार करने के साथ-साथ तकनीकी उन्नति और प्रशिक्षण की दिशा में भी कार्यरत है। यह पहल न केवल ग्रामीण समुदायों का उत्थान कर रही है, बल्कि भारत की स्वच्छ ऊर्जा क्रांति में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। जे-वायर्स यह साबित करता है कि सही दृष्टिकोण और प्रयास से समाज और पर्यावरण पर स्थायी प्रभाव डाला जा सकता है।

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