बिहार के प्रारंभिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. जिन 1.90 लाख शिक्षकों ने विशेष समस्या के आधार पर ट्रांसफर के लिए आवेदन किया था, उनकी जांच प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. शिक्षा विभाग ने 16 अधिकारियों की एक टीम गठित की है, जो इन आवेदनों की स्क्रूटनी करेगी.
कैंसर पीड़ित शिक्षकों को मिलेगी पहली प्राथमिकता
शिक्षा विभाग के अनुसार, पहले चरण में कैंसर रोग से पीड़ित शिक्षकों के आवेदनों की जांच होगी. इसके लिए अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. जांच पूरी होने के बाद, आवेदनों को संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) को भेजा जाएगा, जो शिक्षकों को रिक्त पदों के आधार पर नई तैनाती देंगे. इस पूरी प्रक्रिया को सॉफ्टवेयर के माध्यम से पारदर्शी तरीके से किया जाएगा.
चरणवार होगी जांच प्रक्रिया
शिक्षकों के नामों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए प्रत्येक आवेदक को एक कोड दिया जाएगा. अधिकारियों की टीम द्वारा इन आवेदनों की जांच चरणबद्ध तरीके से की जाएगी. स्वीकृत आवेदन जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजे जाएंगे, जो शिक्षकों को उनके द्वारा चुने गए विद्यालयों में स्थानांतरित करने की अनुशंसा करेंगे.
हिलसा में शिक्षकों ने किया जागरूकता अभियान
हिलसा में शिक्षकों और छात्रों ने अपार कार्ड (शैक्षणिक और उपलब्धियों का डिजिटल रिकॉर्ड) बनवाने को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए एक लघु नाटक का मंचन किया. इस नाटक के माध्यम से बताया गया कि अपार कार्ड विद्यार्थियों के लिए क्यों जरूरी है.
मध्य विद्यालय मई के शिक्षक अजीत कुमार सिंह ने गीत के माध्यम से अभिभावकों को अपार कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित किया. कार्यक्रम में बीएओ नितेश कुमार रंजन और प्रधानाध्यापक कुमार पंकज ने 100% अपार कार्ड निर्माण पर जोर दिया. इस दौरान शिक्षिका ज्योति कुमारी, छात्रा रिंकू कुमारी, सृष्टि, मौसम, सुप्रिया समेत कई विद्यार्थी मौजूद रहे.