बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर कटिहार जिले में एक अनोखा नजारा देखने को मिला। गन्ध बनिक समाज द्वारा आयोजित भव्य कलश यात्रा के दौरान आस्था, श्रद्धा और देशभक्ति का संगम हुआ। इस मौके पर महिलाओं ने पारंपरिक परिधान में सिर पर कलश लेकर माता गंधेश्वरी की पूजा की और एक विशेष संदेश दिया। खासतौर पर पाकिस्तान को महिलाओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हम बुद्ध की धरती से हैं। हम शांति भी जानते हैं और क्रांति भी। हम किसी को छेड़ते नहीं, लेकिन अगर कोई हमें छेड़े तो हम उसे छोड़ते नहीं। यह बयान ऐसे समय में आया है। जब पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम के बावजूद बार-बार उकसावे की घटनाएं सामने आ रही हैं।
भारत की संस्कृति शांति और सद्भाव की प्रतीक रही है। महात्मा बुद्ध ने इसी भूमि से विश्व को शांति और करुणा का संदेश दिया था। लेकिन कटिहार की इन महिलाओं ने साफ कर दिया की शांति की चाहत भारत की कमजोरी नहीं, बल्कि ताकत है। जरूरत पड़ने पर देश की हर महिला, हर नागरिक देश की रक्षा के लिए खड़ा है। जबकि महिलाओं के साथ पुरुष भी उनके सुर में सुर मिलाते हुए बोले कि पाकिस्तान की तिरछी नजर हमेशा भारत पर रहती है। ऐसे में हम अमन तो चाहते हैं, लेकिन युद्ध की नौबत आए तो देश का हर नागरिक सरहद पर जाने को तैयार है। गन्ध बनिक समाज की यह कलश यात्रा धार्मिक परंपराओं के निर्वहन से कहीं अधिक बन गई है। इसमें देशभक्ति का जज्बा भी देखने को मिला। महिलाओं की यह आवाज अब पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गई है। यह आयोजन यह भी दर्शाता है कि भारत की नारियां न केवल धार्मिक रीति रिवाज पर निभाती हैं, बल्कि देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी पूरी तरह समझती हैं। जब बात देश की गरिमा की आती है, तो वह किसी भी योद्धा से कम नहीं।