तेजस्वी यादव की प्रेस वार्ता शुरू हुई, जिसमें उन्होंने बिहार की कानून व्यवस्था पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। तेजस्वी यादव ने कहा कि होली के बाद विधानसभा सत्र शुरू हुआ, जहां उन्होंने कार्य स्थगन प्रस्ताव के तहत कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग की थी, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया। उनका आरोप है कि बिहार में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।
तेजस्वी ने कहा कि अपराधी बेलगाम हो गए हैं और पुलिस को अपनी जान बचाकर भागना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में लगातार अपराध का तांडव मचा हुआ है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पर मौन हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार को चलाने में पूरी तरह असफल हो गए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 20 साल में, जब से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं, एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 60,000 हत्याएं और 25,000 रेप तथा गैंगरेप की घटनाएं हुई हैं।
तेजस्वी ने कहा कि बिहार में सबसे ज्यादा पुलिसवालों की हत्या और पिटाई नीतीश कुमार के कार्यकाल में हुई है। उन्होंने अररिया में एएसआई की हत्या, मुंगेर में पुलिसकर्मियों की हत्या और किशनगंज में एसएसबी जवान की हत्या का जिक्र किया।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री अचेत अवस्था में हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या 20 साल की घटनाओं के लिए भी आरजेडी ही जिम्मेदार है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपनी विफलताओं के लिए भी आरजेडी को जिम्मेदार ठहराती है।
तेजस्वी यादव ने नालंदा में एक महिला के पैर में कील ठोकने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इस पर भी मुख्यमंत्री ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने कहा कि बिहार में जनता और पुलिस दोनों ही सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री को यह जवाब देना चाहिए कि बिहार में आखिर कौन सुरक्षित है।