पटना: बिहार में अवैध खनन रोकने के लिए राज्य सरकार ने अपनी कार्रवाई को और तेज कर दिया है। मंगलवार को उपमुख्यमंत्री सह खान एवं भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान अवैध खनन के खिलाफ सख्त कदम उठाने और बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत करने की घोषणा की। बैठक में प्रधान सचिव सह खान आयुक्त नर्मदेश्वर लाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।
अवैध खनन पर सख्ती
सरकार ने अवैध खनन और ओवरलोडिंग पर सख्ती बरतने का निर्णय लिया है।
ड्रोन और हेलीकॉप्टर सर्वे: निगरानी के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
बिना नंबर प्लेट वाले वाहनों पर कार्रवाई: ऐसे वाहनों के खिलाफ सख्त निर्देश दिए गए हैं।
सीमावर्ती जिलों से हो रहे अवैध खनन और व्यापार पर निगरानी बढ़ाई जाएगी।
प्रशासनिक निर्देश और जवाबदेही
सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को ढिलाई न बरतने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।
प्रदर्शन के आधार पर इनाम और दंड की व्यवस्था लागू होगी।
बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई होगी।
राजस्व और जुर्माना वसूली
विभाग ने तय लक्ष्य से 120% अधिक दंड वसूली की है।
अवैध खनन पर रोक लगाकर राजस्व बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
अवैध खनन की जानकारी देने वाले नागरिकों को नकद इनाम देने की योजना बनाई गई है:
ट्रैक्टर पकड़वाने पर ₹5,000।
ट्रक पकड़वाने पर ₹10,000।
इनाम की राशि सीधे नागरिकों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
नई योजनाओं पर फोकस
बालू घाटों की बंदोबस्ती की प्रक्रिया की समीक्षा।
घरेलू मिट्टी के दोहन और गीले बालू के परिवहन पर सख्ती।
लौह अयस्क और लाइमस्टोन जैसे बड़े खनिजों के खनन में पहली बार कदम रखा गया।
पर्यावरण संरक्षण और नागरिक सहभागिता
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अवैध खनन को रोकने और पर्यावरण संरक्षण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने जनता से सहयोग की अपील करते हुए कहा:
“प्रकृति के उपहार को वरदान बनाने में हर नागरिक की भागीदारी जरूरी है।”
अवैध खनन पर सख्ती और खनिज संपदा के सतत विकास के कदम बिहार को आर्थिक और पर्यावरणीय रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। सरकार की ओर से नागरिकों और अधिकारियों के लिए पुरस्कृत करने की योजना इस प्रयास को और मजबूती देगी।