पटना: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर बीपीएससी अभ्यर्थियों के बुलाए गए छात्र संसद में शामिल होने जा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि वे प्रदर्शन के लिए नहीं, बल्कि वहां बैठे छात्रों से मिलने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मुलाकात के लिए किसी विशेष अनुमति की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि गांधी मैदान एक सार्वजनिक स्थान है, जहां प्रतिदिन हजारों लोग आते हैं। यह कोई ऐसा कार्यक्रम नहीं है जिसके लिए सरकारी अनुमति जरूरी हो। प्रशांत किशोर ने आगे बताया कि उन्होंने सरकार को इस संबंध में पहले ही जानकारी दे दी थी। यह केवल छात्रों के साथ संवाद और उनकी समस्याओं को समझने का एक अवसर है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वहां किसी प्रकार की रैली, धरना या प्रदर्शन आयोजित नहीं किया जा रहा है। छात्र केवल एक स्थान पर बैठकर चर्चा करना चाहते हैं, और इसके लिए गांधी मैदान को चुना गया है। उन्होंने कहा कि गांधी मैदान एक सार्वजनिक स्थल है, जो सभी देशवासियों के लिए खुला है। इसलिए वे भी वहां छात्रों से मिलने जा रहे हैं। सरकार द्वारा इस मुद्दे को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाए जाने की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा करना सरकार के लिए ही नुकसानदेह साबित होगा। प्रशांत किशोर ने छात्रों की स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि छात्रों के पास कोई सरकारी आवास या बंगला नहीं है, जहां वे इकट्ठा हो सकें। इसलिए उन्होंने गांधी मैदान को चुना है, क्योंकि यह एक खुला और सार्वजनिक स्थल है। प्रशांत किशोर ने यह भी बताया कि छात्रों ने विशेष रूप से उनसे वहां आने का आग्रह किया था, और इसी कारण वे उनसे मिलने जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को छात्रों की भावनाओं और उनकी समस्याओं को समझने की जरूरत है। छात्रों की बात सुनने और उन्हें समर्थन देने के लिए इस प्रकार के संवाद की आवश्यकता है। प्रशांत किशोर ने अंत में कहा कि जन सुराज का मकसद हमेशा समाज और छात्रों की भलाई के लिए काम करना रहा है। वे छात्रों की मांगों को समझने और उनके मुद्दों को उचित मंच पर उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस संवाद को सकारात्मक रूप से लेगी और छात्रों की समस्याओं का समाधान करेगी।