पटना उच्च न्यायालय ने उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का हवाला देते हुए बिहार सरकार के शिक्षा विभाग को आदेश दिया है कि बिहार लोक सेवा आयोग की TRE1 में पास डिप्लोमाधारी शिक्षकों की काउंसलिंग 15 दिनों के अंदर कराते हुए एक महीने के अंदर उन्हें नियुक्ति पत्र दें। नियुक्ति से रोके जाने के दिन से ‘अमर उजाला’ ने अभ्यर्थियों की आवाज उठाई थी। यहां तक कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति मिलने पर भी जब इन्हें अकारण परेशान कर नियुक्त नहीं किया जा रहा था, तब भी ‘अमर उजाला’ ने ही इसे मुद्दे के रूप में उठाया था। अब हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के उसी फैसले का हवाला देते हुए शिक्षा विभाग को यह सीधा आदेश दिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार नौकरियां देने की बात कर रहे हैं। शिक्षा में सुधार के लिए विभाग के मौजूदा अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ भी लगातार जमीन पर काम कर रहे हैं। लेकिन, इसी के साथ शिक्षा विभाग में मनमानी का भी रवैया सामने आ रहा है। शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार की ओर से पिछली बार एक विज्ञापन जारी किया गया था, जिसमें TRE-1 के तहत बीपीएससी की ओर से प्रकाशित परीक्षाफल में अनुशंसित विद्यालय अध्यापकों के दस्तावेज सत्यापन की तारीख 10 फरवरी 2025 निर्धारित की गई थी। सोमवार 10 फरवरी की सुबह ही विकास भवन में इन सफल परीक्षार्थियों ने पहुंचकर इंतजार करना शुरू किया। जो कागजात मांगे गए थे, सारे लेकर पहुंचे थे। लेकिन, अंदर जाते ही इनसे एक ऐसे कागज की मांग की गई कि सभी का गला सूखने लगा। विज्ञापन में शिक्षा विभाग ने साफ स्वीकार किया कि “सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका पर 10 दिसंबर 2024 को पारित आदेश में दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा में 18 महीने की इन-सर्विस ट्रेनिंग डिप्लोमा (D.El.Ed) धारण करने वाले अभ्यर्थियों की पात्रता को मान्य किया गया है।” सर्वोच्च न्यायालय का फैसला दिसंबर में, पूरे दो महीने पहले आया था। वैसे, देखा जाए तो बीपीएससी TRE-1 केविज्ञापन के समय भी इसे मान्य रखा गया था और इसी आधार पर इन्हें चयनित सूची में रखते हुए ऐसे अभ्यर्थियों का जिला आवंटित तक हो चुका था। प्रमाणपत्र सत्यापन के समय अचानक ऐसे अभ्यर्थियों को छांटकर किनारे कर दिया गया था। अब जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इन्हें D.El.Ed प्रशिक्षण प्रमाणपत्र और सेवा में होने से संंबंधित विद्यालय प्रधान के प्रमाणपत्र के साथ 10 फरवरी को बुलाया गया तो दस्तावेज सत्यापन के कक्ष में नई मांग रख दी गई।