गोपालगंज जिले के थावे स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में शनिवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई। यहां संस्थान के हॉस्टल में खाना बनाने वाली एक रसोइया की संदिग्ध परिस्थितियों में पंखे से झूलती हुई लाश मिली। मृतका की पहचान उचकागांव थाना क्षेत्र के वृंदावन मौजे गांव निवासी दिवंगत अमरजीत राम की 18 वर्षीय पुत्री राधिका कुमारी के रूप में हुई। इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई और संस्थान में मौजूद सभी लोग स्तब्ध रह गए। पुलिस को सूचना मिलने के बाद स्थानीय थाने की टीम मौके पर पहुंची। जांच में पाया गया कि राधिका का शव जिस कमरे में लटका मिला, उसका दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिस ने तुरंत फोरेंसिक टीम को बुलाया। टीम के पहुंचने के बाद दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा गया। जांच के दौरान कमरे से पंखे के पास दुपट्टे का फंदा और मृतका का मोबाइल बरामद किया गया। मोबाइल में राधिका द्वारा सुसाइड से पहले बनाया गया एक वीडियो भी मिला है, जो पुलिस के लिए अहम साक्ष्य साबित हो सकता है। घटनास्थल पर फोरेंसिक टीम ने गहन जांच-पड़ताल की और साक्ष्य के रूप में दुपट्टे के टुकड़े और अन्य वस्त्रों को अपने कब्जे में लिया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल, गोपालगंज भेज दिया गया। राधिका के परिवार वालों को इस घटना की सूचना फोन के माध्यम से दी गई, जिसके बाद उनका रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों ने कहा कि राधिका को छुट्टी के लिए बार-बार अनुरोध करने पर भी जल्दी छुट्टी नहीं मिलती थी। इस वजह से वह काफी तनाव में रहती थी। बेटी की असमय मौत की खबर से पूरा परिवार गहरे सदमे में है। डायट थावे में इन दिनों शिक्षकों का आवासीय प्रशिक्षण चल रहा था। इसी प्रशिक्षण कार्यक्रम में राधिका और अन्य युवतियों को रसोइया के तौर पर काम पर रखा गया था। राधिका जिस कमरे में रहती थी, वह भोजन बनाने वाले कमरे के ठीक बगल में स्थित था। वह वहां अकेली रहती थी और संभवतः मानसिक तनाव का सामना कर रही थी। पुलिस के मुताबिक, मृतका ने सुसाइड से पहले अपने मोबाइल पर एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उसने अपनी आपबीती साझा की। वीडियो की जांच पुलिस के लिए घटना के कारणों को समझने में मददगार हो सकती है। हालांकि, पुलिस अभी तक इस मामले में स्पष्ट कारणों का खुलासा नहीं कर पाई है। घटनास्थल की फोरेंसिक जांच के बाद पुलिस ने कहा कि वह हर पहलू से इस मामले की जांच कर रही है। मृतका के मोबाइल और अन्य सामानों की गहन जांच की जा रही है। यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि राधिका ने आत्महत्या जैसा कठोर कदम क्यों उठाया। इस घटना ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की कार्यशैली और सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों का कहना है कि अगर संस्थान समय पर उचित कदम उठाता और राधिका की मानसिक स्थिति का ध्यान रखता, तो शायद इस दुखद घटना को टाला जा सकता था। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि मानसिक तनाव और दबाव के कारण युवा वर्ग किस तरह कमजोर हो रहा है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए संस्थानों और समाज को मिलकर कदम उठाने की जरूरत है। राधिका कुमारी की मौत ने उसके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। वहीं, पुलिस और फोरेंसिक टीम मामले की हर बिंदु पर जांच कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और सुसाइड वीडियो के विश्लेषण के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी। इस घटना ने एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक दबाव जैसे मुद्दों पर चर्चा की जरूरत को उजागर किया है।