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प्रदूषणमुक्त बिजली के साथ हजार करोड़ का मुनाफा दे रहा एनटीपीसी प्लांट: बेहेरा

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NTPC plant is giving profit of thousand crores with pollution free electricity

बिहार में औरंगाबाद जिले के नवीनगर प्रखंड में स्थित एनटीपीसी का सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट लगभग शून्य प्रदूषण से उत्पन्न बिजली के साथ लगभग 1000 करोड़ रुपए का मुनाफा प्रतिवर्ष दे रहा है।एनटीपीसी नवीनगर के मुख्य महाप्रबंधक-सह-परियोजना प्रमुख एल.के.बेहेरा ने शनिवार को बताया कि अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित इस बिजली घर से उत्पादित बिजली लगभग प्रदूषण मुक्त है। उन्होंने बताया कि यह प्लांट अपनी लगभग संपूर्ण क्षमता से संचालित हो रहा है फिर भी इसकी चिमनियों से धुआं निकलता नहीं देखा जा सकता, यानी कार्बन उत्सर्जन की मात्रा अत्यधिक कम कर दी गई है। उन्होंने बताया कि यह प्लांट प्रतिदिन अपनी संपूर्ण उत्पादन क्षमता से संचालित हो रहा है जिसकी कुल उत्पादन क्षमता 1980 मेगावाट है। चूंकि यह सुपर क्रिटिकल तकनीक से बना अत्याधुनिक पावर प्लांट है इसलिए यहां उत्पादित बिजली भी काफी सस्ती है। श्री बेहेरा ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में इस प्लांट को एक और उपलब्धि हासिल हुई है । यहां प्रतिवर्ष 34 लाख टन राख उत्पन्न होता है लेकिन यह संपूर्ण राख नेशनल हाइवे तथा अन्य औद्योगिक इकाइयों को उपलब्ध करा दी जा रही है। इस प्रकार प्लांट के ऐश डंप क्षेत्र में बिल्कुल राख नहीं है और एनटीपीसी का यह प्लांट राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने प्लांट के संचालन के बारे में बताया कि बिहार में 5000 से 2600 मेगावाट बिजली की डिमांड राज्य में स्थापित एनटीपीसी की बिजली परियोजनाओं से प्रतिदिन अलग-अलग समय पर है। यह डिमांड 24 घंटा पहले प्लांट को उपलब्ध करा दी जाती है और उसके हिसाब से प्लांट से बिजली का उत्पादन किया जाता है। एनटीपीसी नवीनगर के मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि अधिकतर समय प्लांट अपनी महत्तम उत्पादन क्षमता पर कार्य कर रहा है । कोयले की उपलब्धता के बारे में उन्होंने बताया कि नियम के अनुसार 20 दिनों का अतिरिक्त कोयला भंडार रखा जाना जरूरी है और फिलहाल एनटीपीसी नवीनगर के पास इतने दिनों का कोयला भंडार है और इस प्रकार कोयले से संबंधित अभी कोई समस्या नहीं है। यहां बिजली उत्पादन के लिए देश के कोयला खदानों में उत्पादित कोयला का ही प्रयोग किया जा रहा है और किसी भी प्रकार के विदेशी कोयले की आवश्यकता महसूस नहीं की गयी है । इस प्रकार इस प्लांट से विदेशी मुद्रा की भी बचत हो रही है।

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