बिहार का पिछला विधानसभा चुनाव कोरोना के कठिन समय में हुआ था, जहां चुनावी सभाओं पर पाबंदियाँ थीं। उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी, जनता दल यूनाइटेड (जदयू), ने वर्चुअल प्रचार का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल किया और भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) को भी पीछे छोड़ दिया। जदयू ने प्रोजेक्ट शुरू किया था, जिसमें कार्यकर्ताओं को वर्चुअल रूप से जोड़ा गया था और मुख्यमंत्री का संदेश सीधे हर जिले में पहुंचाया गया था। इस बार, बिहार चुनाव की तैयारियों में विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) एक कदम और आगे बढ़ी है। AI का उपयोग अब बिहार के चुनावी प्रचार का हिस्सा बनने जा रहा है। राजद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमले करने के लिए AI आधारित कार्टून और मीम्स का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। तेजस्वी यादव ने शनिवार को एक AI आधारित कार्टून के साथ अपने विचार प्रस्तुत किए, जिसमें नीतीश सरकार की निंदा की गई थी और इसे “खटारा” करार दिया गया। तेजस्वी यादव ने कार्टून के साथ एक संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने नीतीश सरकार की आलोचना करते हुए कहा: “बिहार में 15 साल पुरानी गाड़ी चलाने की अनुमति नहीं है, क्योंकि वह प्रदूषण फैलाती है, तो फिर 20 साल पुरानी नीतीश-एनडीए सरकार क्यों चल रही है? 20 वर्षों में नीतीश सरकार ने बिहार के हर गली-गांव में गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अपराध और पलायन फैला दिया है। अब यह सरकार बिहारवासियों पर बोझ बन चुकी है, जिसे बदलना बेहद जरूरी है।” तेजस्वी ने यह भी कहा कि बिहार के युवा अब एक नई सोच, नए विज़न और रोजगार-संवर्धन वाली सरकार चाहते हैं। उनका उद्देश्य बिहार में एक नया बदलाव लाना है, जिससे युवा वर्ग को नए अवसर मिल सकें और बिहार का भविष्य उज्जवल हो सके। राजद ने AI के माध्यम से प्रचार के नए तरीके अपनाए हैं। इसमें कार्टून, मीम्स और व्यंग्यपूर्ण चित्रों का उपयोग किया जा रहा है, जो चुनावी माहौल को हल्का-फुल्का, लेकिन प्रभावी बनाने का प्रयास कर रहे हैं। यह डिजिटल और तकनीकी बदलाव बिहार की राजनीति में नया मोड़ लाएगा, जहां सोशल मीडिया और AI का प्रभाव चुनावी रणनीतियों में गहराई से समाहित होता जा रहा है।