रोहतास जिले के करगहर थाना क्षेत्र के बभनी गांव में 26 जनवरी को 7 वर्षीय हिमांशु के अपहरण और हत्या के मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस के अनुसार, इस हत्याकांड में मानसिक विक्षिप्त सुनील सिंह के दोनों पुत्रों का हाथ था। पुलिस ने मामले की जांच में कई अहम तथ्य उजागर किए और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
रोहतास पुलिस अधीक्षक (एसपी) रौशन कुमार ने इस मामले में प्रेस वार्ता आयोजित कर हत्या की पूरी कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि यह अपराध 25 जनवरी को शुरू हुआ था, जब सुनील सिंह के दोनों बेटों ने हिमांशु के अपहरण की योजना बनाई थी। अगले दिन, यानी 26 जनवरी को, हिमांशु खेलते हुए घर लौट रहा था, तभी आरोपियों ने उसे पकड़ लिया। जब हिमांशु ने शोर मचाया और मदद के लिए चिल्लाया, तो आरोपियों ने उसे डर के मारे बुरी तरह से मारा और हत्या कर दी। इसके बाद उन्होंने शव को घर के भूसे के ढेर में छिपा दिया।
28 जनवरी को जब शव से बदबू आने लगी, तो गांव के लोगों ने घर में घुसकर शव देखा और पुलिस को सूचित किया। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और घर के मालिक के छोटे पुत्र से पूछताछ की। इस पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि उसके बड़े भाई ने हिमांशु की हत्या की थी। इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार आरोपियों में बभनी निवासी सुनील सिंह के पुत्र विभोर उर्फ अंकुर और एक नाबालिग शामिल हैं। पुलिस ने इन दोनों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। एसपी रौशन कुमार ने कहा कि पुलिस ने मामले को पूरी गंभीरता से लिया है और जल्द से जल्द न्याय दिलाने के लिए स्पीडी ट्रायल की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस तरह के जघन्य अपराधों में आरोपियों को कड़ी सजा दिलवाने के लिए पुलिस पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
पुलिस के अनुसार, यह एक बहुत ही शर्मनाक और दुखद घटना थी, जिसमें बेगुनाह बच्चे की जान चली गई। उन्होंने यह भी बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से अब आगे की पूछताछ की जा रही है, ताकि इस जघन्य अपराध के पीछे के अन्य पहलुओं का पता लगाया जा सके।
साथ ही, एसपी ने इस घटना के बाद क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने और इस प्रकार के अपराधों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए पुलिस को और सतर्क रहने की सलाह दी। इस घटना ने गांववासियों को भी आहत किया है और पूरे इलाके में शोक का माहौल है। पुलिस अब इस मामले में सभी कानूनी पहलुओं पर ध्यान दे रही है, ताकि अपराधियों को शीघ्र सजा मिल सके और भविष्य में ऐसे जघन्य अपराधों से बचा जा सके।