मुज्जफरपुर: मुजफ्फरपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग का एक और हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां मुरौल प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए लाए गए एक सड़क दुर्घटना के घायल युवक के पैर में प्लास्टर की जगह कार्टन बांध दिया गया और उसे बिना समुचित इलाज के मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। घटना मुरौल थाना क्षेत्र की है। जानकारी के अनुसार, मोहम्मदपुर गांव निवासी विनोद महतो का सड़क हादसे में पैर टूट गया था। परिजन उन्हें तत्काल मुरौल सीएचसी लेकर पहुंचे। लेकिन वहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों ने यह कहते हुए इलाज में असमर्थता जताई कि केंद्र पर कोई संसाधन मौजूद नहीं हैं। इसके बाद घायल युवक के पैर में प्लास्टर के स्थान पर एक साधारण कार्डबोर्ड बॉक्स बांधकर उसे SKMCHरेफर कर दिया गया। मरीज के परिजन ने बताया कि विनोद का पैर हादसे में बुरी तरह टूट गया था। हम लोग उन्हें लेकर मुरौल सीएचसी पहुंचे। वहां इलाज शुरू हुआ, लेकिन थोड़ी देर बाद वहां के एक कर्मी ने कहा कि उनके पास कोई व्यवस्था नहीं है और मरीज को मेडिकल कॉलेज भेजना पड़ेगा।
इसके बाद उन्होंने बिना उचित प्लास्टर के ही पैर में कार्टन बांध दिया और रेफर कर दिया। इस पूरे मामले में जब मीडिया ने सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार से बात की तो उन्होंने लापरवाही स्वीकारते हुए कहा, “घटना की जानकारी मिली है। मुरौल पीएचसी प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। सरकारी अस्पतालों में सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। ऐसे में यदि प्लास्टर की जगह कार्टन का उपयोग हुआ है, तो यह गंभीर लापरवाही है। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” स्थानीय लोगों का कहना है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सा संसाधनों की कमी आम बात हो गई है। यह घटना उसी का एक उदाहरण है, जहां न तो मरीज की प्राथमिक चिकित्सा की गई और न ही उसे सुरक्षित ढंग से उच्च केंद्र भेजा गया। फिलहाल, घायल युवक का इलाज एसकेएमसीएच में चल रहा है और उसकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ने एक बार फिर प्राथमिक चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।