लखीसराय : देश में एक बार फिर कोरोना का खतरा बढ़ने लगा है। कोविड के दो नए वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 सामने आए हैं। इनकी पहचान तमिलनाडु और गुजरात में हुई है। वहीं दिल्ली, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है। ऐसे में एक बार फिर ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ सकती है। इसी बीच बिहार के लखीसराय सदर अस्पताल में 70 लाख रुपये की लागत से बना ऑक्सीजन प्लांट पिछले 20 महीनों से बंद पड़ा है। यह प्लांट 6 अक्टूबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन उद्घाटन किया था। इसकी क्षमता हर मिनट 500 लीटर ऑक्सीजन बनाने की है, जो किसी भी महामारी के समय काफी मददगार हो सकता था। लेकिन सितंबर 2023 से यह प्लांट तकनीकी खराबी के कारण पूरी तरह से बंद है। इसके कारण अस्पताल को हर महीने बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाने पड़ रहे हैं। इससे न सिर्फ खर्च बढ़ रहा है, बल्कि इमरजेंसी में मरीजों को समय पर ऑक्सीजन देना भी मुश्किल हो गया है।
अस्पताल के प्रबंधक नंद किशोर भारती ने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट को ठीक करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम आई थी, लेकिन अभी तक प्लांट चालू नहीं हो सका है। इसको लेकर स्थानीय लोग और मरीज बहुत नाराज हैं। उनका कहना है कि लाखों रुपये खर्च करके बना प्लांट महीनों से बंद है, जो सरकार की लापरवाही और संसाधनों की बर्बादी है। इससे मरीजों की जान भी खतरे में पड़ सकती है।
मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (सीएस) बीपी सिन्हा ने बताया कि इस खराबी की जानकारी कई बार राज्य स्वास्थ्य समिति को दी गई है। अब पुरानी कंपनी का टेंडर रद्द कर दिया गया है और एक नई कंपनी को प्लांट चलाने की जिम्मेदारी दी गई है। उम्मीद है कि जल्दी ही यह प्लांट फिर से चालू हो जाएगा। स्थानीय लोगों ने सरकार और प्रशासन से अपील की है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और जल्द से जल्द प्लांट को ठीक करवाएं, ताकि किसी भी इमरजेंसी में मरीजों को समय पर ऑक्सीजन मिल सके।