कैमूर जिले के दुर्गावती प्रखंड के मचाखियां गांव के पास दुर्गावती नदी पर बन रहे पुल का निर्माण कार्य शुरू होने से पहले ही विवादों में आ गया है। ग्रामीणों ने पुल निर्माण में घटिया सामग्री और निर्माण में हो रही लापरवाही पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पुल निर्माण के लिए बनाए गए पिलर का निचला हिस्सा पानी के तेज बहाव में बह गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह पुल अभी पूरा भी नहीं हुआ और इसके गिरने का खतरा मंडरा रहा है। पिलर केवल सरिया पर टिके हुए नजर आ रहे हैं, जिससे स्थानीय लोग आशंकित हैं कि यह पुल बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। मचाखियां गांव और नदी के दूसरी ओर स्थित विद्यालय को जोड़ने के लिए पुल की मांग सालों पुरानी है। 2019 में पुल निर्माण का कार्य शुरू हुआ था, ताकि बरसात के दिनों में नाव बंद होने पर बच्चों की शिक्षा बाधित न हो। लेकिन पांच साल बाद भी निर्माण कार्य अधूरा है, और ग्रामीणों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। अरविंद कुमार सिंह, स्थानीय निवासी, ने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य में “घोर लापरवाही” हो रही है। ग्रामीणों ने कहा, “यह पुल सुरक्षा के बजाय खतरा बन चुका है। घटिया सामग्री के चलते यह कभी भी गिर सकता है।” ग्रामीणों ने प्रशासन और संबंधित विभाग से निर्माण सामग्री की जांच और कार्य में पारदर्शिता की मांग की है। नदी पर पुल न होने की वजह से बरसात के चार महीनों में ग्रामीण प्रखंड मुख्यालय और विद्यालय से पूरी तरह कट जाते हैं। बच्चों की शिक्षा पर इसका सीधा असर पड़ता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि अगर जल्द ही सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो वे प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे। उन्होंने ठेकेदार और सरकारी अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया और कहा कि घटिया सामग्री और धीमे कार्य के कारण यह परियोजना आज तक अधूरी है।यह अधूरा पुल अब सुविधा के बजाय खतरा बन गया है। ग्रामीणों की मांग है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए और इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए।