कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी मंगलवार (14 मई, 2025) को बिहार पहुंचे. इस दिन पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान वे गुस्से में आ गए. उन्होंने कहा कि अफसोस बस इतना है कि जब पीओके अलग हो सकता था, हमारे कब्जे में आ सकता था, ऐसे में अचानक सीजफायर किसी के समझ में नहीं आ रहा है. आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी थी? ट्रंप का ऐसा कौन सा दबाव था? देश के प्रधानमंत्री को संसद का एक विशेष सत्र बुलाकर देश को ये बताना चाहिए. इमरान प्रतापगढ़ी ने फिर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए बिहार के लाल मो. इम्तियाज जो बीएसएफ में सब इंस्पेक्टर थे उनके घर आज हम लोग श्रद्धांजलि देने के लिए जा रहे हैं. भारत की सेना अप्रतिम है. इससे बड़ा कुछ नहीं है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विशेष सत्र से शरद पवार ने मना नहीं किया है. हर कोई कह रहा है कि विशेष सत्र बुलाना चाहिए. विशेष सत्र बुलाने में क्या दिक्कत है? इससे पहले भी इस तरह की परिस्थिति देश के सामने आई है तो संसद का विशेष सत्र (सदन का) बुलाया गया है. कांग्रेस नेता ने कहा, “अगर सीजफायर हो भी रहा है तो उसकी सूचना ट्रंप के ट्वीट से दुनिया को मिलती है. इधर देश के नाम प्रधानमंत्री संबोधन दे रहे होते हैं और उससे आधे घंटे पहले ट्रंप दुनिया को संबोधित कर देते हैं. अमेरिका के सामने किस दबाव में है सरकार? कूटनीतिक तौर पर क्या मजबूरी है ये देश को बताना चाहिए.” राहुल गांधी के बिहार आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राहुल बिल्कुल आ रहे हैं. बार-बार आएंगे. कांग्रेस के हर नेता आएंगे. बड़े-बड़े नेता आएंगे. अंत में उन्होंने सेना को लेकर कहा, “हमारी सेना जिंदाबाद रहेगी.”