नीले आसमा के तले, नीले जमीं पर जीत के अश्वमेध रथ पर सवार मेजबान भारतीय टीम ने खिताबी मुकाबले में चीन की अभेद दीवार को भेद लगातार दूसरी बार ख़िताब अपने नाम किया। भारतीय महिला हॉकी टीम ने एशिया चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्ज़ा कर मनोरम पहाड़ियों से घिरी एतिहासिक नगरी राजगीर में एशियन हॉकी का सिरमौर बना। भारतीय हॉकी टीम के मुख्य प्रशिक्षक डॉ हरेंद्र सिंह की योद्धाओं ने आज उतार-चढाव भरे इस रोमांचक ज़ंग में चीन की शक्तिशाली टीम पर मैच के शुरुआत से ही दबाव बनाया। चीन के प्रशिक्षक ह्वांग योंगशेंग ने आज नए रणनीति के साथ टीम उतारी थी। चीन की स्टार खिलाड़ी यूंक्सिया फैन, ओउ ज़िक्सिया आज भारतीय टीम के लिए बाधा बनी रही। पूरे मैच में भारत ने अपनी पकड़ बनाई रखी। भारतीय टीम के पास 52% बॉल कंट्रोल रहा, आठ सर्किल इंट्री की और पांच बार गोल पर शूट किया। भारतीय टीम को छह पेनाल्टी कॉर्नर मिला जिसमें एक को गोल में बदल कर चीन को पहली बार एशिया चैंपियंस ट्रॉफी जितने के सपने को तोड़ दिया। भारत के लिए यह स्वर्णिम गोल कर स्टार खिलाड़ी दीपिका ने अपने व्यक्तिगत गोल की संख्या 11 कर लिया। स्वर्णिम जीत की कमान संभालने वाली दीपिका को टॉप स्कोरर और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट अवार्ड मिला। मिज़ोरम की लालरेम्सियामी को प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड मिला। पूरे टूर्नामेंट में अपने जुझारू खेल से भारतीय टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। मिड फ़ील्ड भारतीय टीम की सबसे मज़बूत कड़ी रही है।
पूरे टूर्नामेंट में अपने स्पीड और सूझबूझ से खेलने वाली कप्तान सलीमा नेहा और शर्मीला ने चीन के आक्रमण को हॉफ लाईन पर रोका और और डिफेंस और फॉरवर्ड के बीच तालमेल बनाया। रक्षा पंक्ति में उदिता, वैष्णवी, सुशीला और ज्योति ने क्लीन टेकिंग और अनुशासित खेल से चीन की शक्तिशाली आक्रमण को कुंद किया। भारतीय हॉकी टीम ने भारतीय तथा यूरोपीयन शैली के हॉकी के मिश्रण का शानदार प्रदर्शन किया। आत्मविश्वास से लबरेज़ भारतीय टीम शारीरिक छमता, मानसिक दृढ़ता, शानदार तालमेल एवं स्टिक वर्क के साथ खेलते ओलिंपिक रजत पदक विजेता चीन पर अपना वर्चस्व बनाया। पूरे प्रतियोगिता में अपराजित भारतीय हॉकी टीम ने राउंड रॉबिन लीग में मलेशिया, कोरिया, थाईलैंड, चीन, जापान तथा सेमीफाइनल में जापान को हराते हुए फ़ाइनल तक का सफ़र को पूरा किया। इस चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय हॉकी को संगीता, ब्यूटी, सोनेलिता, ज्योति, वैष्णवी और इशिका जैसे कई उभरते सितारे मिले। इन खिलाडियों पर भविष्य का दारोमदार रहेगा। भारतीय हॉकी टीम ने भारतीय तथा यूरोपीयन शैली के हॉकी के मिश्रण का शानदार प्रदर्शन किया। आत्मविश्वास से लबरेज़ भारतीय टीम शारीरिक छमता, मानसिक दृढ़ता, शानदार तालमेल एवं स्टिक वर्क के साथ खेलते ओलिंपिक रजत पदक विजेता चीन पर अपना वर्चस्व बनाया। पूरे प्रतियोगिता में अपराजित भारतीय हॉकी टीम ने राउंड रॉबिन लीग में मलेशिया, कोरिया, थाईलैंड, चीन, जापान तथा सेमीफाइनल में जापान को हराते हुए फ़ाइनल तक का सफ़र को पूरा किया। इस चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय हॉकी को संगीता, ब्यूटी, सोनेलिता, ज्योति, वैष्णवी और इशिका जैसे कई उभरते सितारे मिले। इन खिलाडियों पर भविष्य का दारोमदार रहेगा।