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हाथीपांव से पीड़ित मरीजों को निशक्तता प्रमाणपत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन को लेकर दिशा निर्देश

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Guidelines for online application for disability certificate to patients suffering from elephantiasis

15 मई तक ऑनलाइन प्रकिया पूरा करने का दिया गया निर्देश

सासाराम। फाइलेरिया के तहत होने वाली हाथीपांव बीमारी उन्मूलन के साथ-साथ इस गंभीर बीमारी से दिव्यांग हो चुके लोगों को आवश्यक लाभ दिलाने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति लगातार प्रयासरत है। इसको लेकर जिला स्वास्थ्य समिति ने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सकों को पत्र जारी करते हुए अपने-अपने क्षेत्र में हाथीपांव से पीड़ित मरीजों की सूची जारी करने के लिए निर्देश दिए हैं। खासकर वैसे मैरिज जो इस बीमारी से दिव्यांगता की श्रेणी में आ चुके हैं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, भारत सरकार की अधिसूचना संख्या 16- 09/2024- डीडी3, दिनांक 8 जुलाई 2015 के अंतर्गत हाथीपांव के संबंध में दिव्यांग मूल्यांकन किया गया था। इसके आलोक में रोहतास जिले में अबतक 10 हाथीपांव के मरीजों को दिव्यांग प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। रोहतास जिले में हाथीपांव के मरीजों को दिव्यांग सर्टिफिकेट प्रदान करने की गति धीमी होने पर चिंता व्यक्त किया गया है। इसके लिए पत्र जारी करते हुए सभी चिकित्सा पदाधिकारी को 15 मई 2025 तक हाथी पांव से पीड़ित मरीजों का निशक्त पंजीयन ऑनलाइन भेजने का निर्देश दिया है।

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हाथीपांव के मरीज को भी मिलेगा दिव्यागता सर्टिफिकेट

एसीएमओ डॉ अशोक कुमार एवं जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर आसित रंजन की अध्यक्षता में बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा कर दिशा निर्देश दिए गया। डॉक्टर अशोक कुमार ने बताया कि फाइलेरिया के तहत हाथीपांव एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी को अगर समय से पहले पहचाना नहीं किया गया या सावधानी नहीं बरती गई तो यह दिव्यांगता का रूप ले सकता है। डॉक्टर अशोक कुमार ने बताया कि अब हाथपांव से पीड़ित मरीजों को दिव्यांगता सर्टिफिकेट प्रदान किया जा रहा है। ऑनलाइन प्रकिया के बाद डॉक्टरों की टीम द्वारा जांच की जाती है और टीम के द्वारा दिव्यांगता स्टेज के अनुसार सर्टिफिकेशन प्रदान किया जाता है।

सभी वीडीसीओ को दिया गया दिशा निर्देश

वही हाथीपांव जैसी गंभीर बीमारी से निपटने के लिए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर असित रंजन ने सभी वीडीसीओ को कई दिशा निर्देश दिए जिसमें कहा गया कि सभी प्रखंडों में जन प्रतिनिधियों, पंचायती राज के कर्मियों के साथ बैठक कर जन जागरूकता अभियान चलाया जाए। साथ ही सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से समन्वय स्थापित कर बैठक करें एवं हाथी पांव से पीड़ित मरीजों की पहचान कर निशक्तता प्रमाण पत्र के लिए पंजीयन ऑनलाइन करने का भी दिशा निर्देश दिया। मौके पर वीडीसीओ रौशन कुमार सिंह, संजीत कुमार, गौरव कुमार, मानसी भारती के अलावा पिरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीडर (संचारी रोग) हेमंत कुमार, प्रोग्राम ऑफिसर कृष्ण कांत चौबे मौजूद रहे।

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