पटना में एक अत्याधुनिक नेत्र अस्पताल के निर्माण के लिए शुक्रवार को ऐतिहासिक कदम उठाया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में स्वास्थ्य विभाग और शंकरा आई फाउंडेशन इंडिया, कोयम्बटूर के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह अस्पताल पटना के कंकड़बाग क्षेत्र में 1.6 एकड़ भूमि पर बनेगा और इसका निर्माण कार्य 18 महीनों में पूरा होने की योजना है। 75% मरीजों का इलाज निःशुल्क होगा। ढाई लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों को पूरी तरह मुफ्त चिकित्सा मिलेगी। सामान्य आंखों के इलाज के साथ-साथ कॉर्नियोप्लास्टी, रेटिना डिटैचमेंट और आंख के कैंसर जैसे गंभीर मामलों का भी इलाज किया जाएगा। बिहार कैबिनेट ने 3 दिसंबर को इस अस्पताल के लिए 48 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी थी। शंकरा आई फाउंडेशन इंडिया को 99 वर्षों के पट्टे पर 1.6 एकड़ जमीन एक टोकन राशि (₹1) में सशर्त दी गई है।
इस समझौते के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री विजय कुमार चौधरी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय मौजूद रहे। अधिकारियों ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए और दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया। 1978 में शंकरा नेत्रालय की स्थापना कांची कामकोटि पीठम के शंकराचार्य श्री जयेंद्र सरस्वती के निर्देशन में चेन्नई में हुई थी। इसे “आंखों का मंदिर” के रूप में जाना जाता है। अब इसी उत्कृष्टता को पटना में लाने की पहल की गई है। यह अस्पताल न केवल बिहार बल्कि पूरे पूर्वी भारत के लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी होगा। यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और नागरिकों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा प्रदान करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।