कार्यशाला में एमएमडीपी कार्यक्रम के तहत दी गई जानकारी
सासाराम/ 11 मार्च। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर मंगलवार को सदर अस्पताल के फाइलेरिया कार्यालय में एमएमएडीसपी (मोर्बिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रिवेंशन) कार्यक्रम के तहत जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन रोहतास सिविल सर्जन डॉक्टर मणिराज रंजन ने किया। इस दौरान सिविल सर्जन ने कहा कि फाइलेरिया को हाथीपांव के नाम से से भी जाना जाता है। यह बीमारी एक बार हो जाए तो जिंदगी भर के लिए बोझ बन जाता है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है बस सतर्कता और सावधानी ही उससे बचाव का तरीका है। सिविल सर्जन से बताया कि प्रत्येक साल सर्व जन दवा सेवन अभियान चला कर इससे बचाव के लिए डीईसी एवं एलबेंडाजोल की दवा खिलाई जाती है। इसलिए हमें कोशिश करना है कि हर लोग दवा का सेवन करे ताकि हमारा जिला फाइलेरिया मुक्त बन सके।
फाइलेरिया पीड़ित ने बताया अपना दुख
कार्यशाला में आए सासाराम के कादिरगंज निवासी 65 वर्षीय फाइलेरिया पीड़ित ललन प्रसाद ने इस बीमारी का दुख बताया। उन्होंने बताया कि 40 साल पहले उन्हें यह बीमारी हुई थी आज तक इसकी पीड़ाझेल रहे है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया के कारण उन्हें चलने भी काफी दिक्कत होती है। साथ ही उन्होंने कहा कि वो अपने आसपास के लोगों को इस बीमारी से बचाव करने के बारे में भी बताएंगे यही किसी और को यह पीड़ा नहीं झेलनी पड़े।
एमएमडीपी कीट के इस्तेमाल की दी गई जानकारी
सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ राकेश कुमार ने कार्यशाला में जिले से आए चिकित्सा अधिकारियों को एम एम डी पी कीट की उपयोगिता की जानकारी दिया। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया हर स्टेज पर किस तरह का अपना प्रभाव छोड़ता है और उसके क्या क्या लक्षण और दुष्प्रभाव हो सकते है। साथ ही उन्होंने बताया कि फाइलेरिया पीड़ित मरीज किस तहत से प्रभावित हिस्सों को देख भाल कर सकते है। उन्होंने एम एम डी पी कीट में मौजूद समानों एवं दवाओं की स्तेमाल की जानकारी दिया और बताया कि किस तरह से अपने नीचे वाले कर्मियों को जानकारी देनी है ताकि वो लोग फाइलेरिया पीड़ित लोगों को बता सकें। वही पिरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीडर (संचारी रोग) हेमंत कुमार ने वहां मौजूद डाटा एंट्री ऑपरेटर को फाइलेरिया पीड़ित मरीजों की लाइन लिस्टिंग किस तरह से एंट्री करना है ताकि जिले के फाइलेरिया मरीजों का सही आंकड़ा मिल सके। मौके पर एसीएमओ डॉक्टर अशोक कुमार, सीडीओ डॉक्टर राकेश कुमार, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी अमित कुमार, वेक्टर जनित रोगी नियंत्रण पदाधिकारी जयप्रकाश गौतम, रौशन कुमार सिंह,संजीत कुमार, गौरव कुमार, सहित अन्य लोग मौजूद रहें।