लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद चिराग पासवान के रिश्तेदार अरुण भारती ने हाल ही में बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए गए भेदभाव के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि विपक्ष को हर मामले में भेदभाव दिखाई देता है, जबकि मंत्रिमंडल विस्तार बिहार के विकास और आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री के विशेषाधिकार के तहत किया गया है। अरुण भारती ने यह स्पष्ट किया कि इस फैसले को विकासात्मक दृष्टिकोण से लिया गया है और सभी घटक दल आगामी चुनावों के लिए एकजुट हैं।
लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के चाचा, पशुपति पारस द्वारा चिराग पासवान को ‘नचनिया-गवइया’ कहने के सवाल पर अरुण भारती ने टिप्पणी करने से बचते हुए कहा, “बोलने दीजिए।” उन्होंने इस मामले में कोई और टिप्पणी नहीं की, जबकि इस मुद्दे पर सियासी हलचल तेज हो गई है।
2025 में बिहार में एनडीए की सरकार बनने की उम्मीद जताते हुए अरुण भारती ने यह भी कहा कि पार्टी के घटक दल एकजुट हैं और मिलकर चुनाव में भाग लेंगे। यह बयान बिहार की राजनीति में बढ़ते सियासी दबाव और आगामी चुनावों को लेकर पार्टी की रणनीतिक सोच को भी उजागर करता है।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी द्वारा आयोजित दलित समागम कार्यक्रम पर अरुण भारती ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह सकारात्मक कदम है कि दलितों को एकजुट किया जा रहा है। उन्होंने इसे समाज के एक महत्वपूर्ण वर्ग के लिए उपयोगी कदम बताया।
साथ ही, तेजस्वी यादव द्वारा महिलाओं के लिए शुरू की जा रही “मान-सम्मान योजना” पर अरुण भारती ने कहा कि योजना का प्रारूप स्पष्ट किया जाना चाहिए। यदि यह योजना महिलाओं के लिए वास्तव में लाभकारी साबित होती है, तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए। इस पर उन्होंने यह भी कहा कि समाज के विकास के लिए ऐसी योजनाएं महत्वपूर्ण हैं, बशर्ते वे सही तरीके से लागू हों और उनका लाभ सही लोगों तक पहुंचे।