खगड़िया के शहरबान्नी गांव पहुंचे केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने रविवार को अपनी बड़ी मां राजकुमारी देवी से मुलाकात की। चिराग को देखते ही राजकुमारी देवी भावुक हो गईं। वह पिछले कई दिनों से चिराग से मिलना चाह रही थीं। जहां वह अपनी मां के साथ बंद कमरे में करीब 35 मिनट रुके। चिराग के साथ खगड़िया सांसद राजेश वर्मा और जमुई सांसद अरुण भारती भी मौजूद थे। शहरबान्नी पहुंचे चिराग पासवान ने मीडिया से बात कर कहा कि वह घर की बात बाहर नहीं कहना चाहते हैं। लेकिन उनके चाचा और चाची ने उनको मजबूर किया है। चिराग ने कहा कि सत्ता सुख के लिए पहले मेरी मां और मुझे दिल्ली के घर से बाहर किया अब चाचा मेरी बड़ी मां को घर से बेघर करना चाहते हैं। चिराग ने कहा कि अपने पिता के मृत्यु के बाद दोनों मां की जिम्मेदारी उनकी है। जिसे वह निभाएंगे। चिराग पासवान ने कहा कि चाचा और चाची बंटवारा चाहते हैं। वह इसके लिए तैयार हैं। लेकिन,पहल उनकी होनी चाहिए कि वो किस तरह का बंटवारा चाहते हैं। अपने चाचा पशुपति पारस को चिराग ने सीधा चेताया भी। उन्होंने कहा कि चाचा पशुपति पारस की ऐसी कई बेनामी संपत्ति है जिसे उन्होंने छुपाया है। अगर चाचा बंटवारा चाहते हैं तो उस बेनामी संपत्ति की भी जानकारी साझा करनी होगी। अपने पारिवारिक विवाद के बाद रविवार को खगड़िया के शहरबान्नी पहुंचे केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पहले अपनी बड़ी मां से मिले। इस दौरान उन्होंने उनको गले लगाकर उनकी स्वास्थ्य की जानकारी ली। इस दौरान मां राजकुमारी देवी ने कहा कि वह उन्हीं का इंतजार कर रही थी। वहीं मां से मिलकर चिराग ने अपने पिता रामविलास पासवान के स्मारक पर श्रद्धांजलि भी दिया। गौरतलब है कि राजकुमारी देवी पूर्व केंद्रीय मंत्री और चिराग के पिता रामविलास पासवान की पहली पत्नी हैं। जिनको कुछ दिन पहले घर से निकाले जाने का मामला खूब तूल पकड़ा था।