चैत्र नवरात्र के चौथे दिन देवी दुर्गा की पूजा और रामनवमी की तैयारियों के बीच चैती छठ का दूसरा दिन है। चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत मंगलवार को नहाय-खाय के साथ हुई थी, जबकि बुधवार को खरना पूजा का विशेष महत्व है। बुधवार को छठ व्रती खरना पूजा संपन्न करेंगे। शाम को खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होगा। गुरुवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार व संतान की मंगलकामना की जाएगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार, खरना का अर्थ पवित्रता होता है, और इस दिन व्रती मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहने का संकल्प लेते हैं। चैती छठ के अवसर पर लोकगायिका शारदा सिन्हा के भक्ति गीतों की गूंज हर ओर सुनाई दे रही है। “पटना के घाट पर…” और “करिहा क्षमा छठी मईया…” जैसे गीत श्रद्धालुओं के मन में भक्ति भाव जगा रहे हैं। हालाँकि, कार्तिक छठ की तुलना में चैती छठ हर घर में नहीं होता, लेकिन फिर भी आस्था से ओत-प्रोत श्रद्धालु इस पर्व को पूरी श्रद्धा के साथ मनाते हैं। आम धारणा है कि जिनकी मनोकामना पूरी हो जाती है, वे चैती छठ का व्रत करते हैं। चैती छठ को देखते हुए पटना जिला प्रशासन ने घाटों पर विशेष तैयारी की है। एसडीओ सत्यम सहाय और एएसपी अतुलेश झा ने विभिन्न घाटों का निरीक्षण किया।यातायात को सुचारु बनाए रखने के लिए तीन और चार मार्च को कई मार्गों पर वाहनों के परिचालन पर रोक रहेगी। कारगिल चौक से दीदारगंज तक अशोक राजपथ पर आम वाहनों का प्रवेश 3 मार्च को दोपहर 12 बजे से शाम 7 बजे तक और 4 मार्च को रात 2 बजे से सुबह 8 बजे तक प्रतिबंधित रहेगा। जेपी गंगा पथ और अटल पथ पर भी वाहनों की आवाजाही रोकी जाएगी। दीघा से आर ब्लॉक की ओर वाहनों के परिचालन पर भी रोक रहेगी। 60 प्रमुख स्थानों पर 125 यातायात पुलिसकर्मी और 350 अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। ट्रैफिक एसपी अपराजित लोहान ने बताया कि यातायात को नियंत्रित करने के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो।