कोरोना काल में जब सब कुछ बंद हो गया तब मुख्य परेशानी बच्चों की पढ़ाई को लेकर हुई। उसी समय ऑनलाइन क्लास की शुरुआत हुई, इसके बाद लगातार इसका विस्तार होता चला गया। आज स्थिति यह है कि अधिकांश बच्चे बिहार पुलिस प्रतियोगी परीक्षा से लेकर बीपीएससी तक की परीक्षाओं की तैयारी ऑनलाइन करने लगे हैं। आज के समय में ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाली संस्थाओं में एक नाम काफी प्रचलित हो रहा है – रोजगार विथ अंकित। शुक्रवार को बापू सभागार में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें, हजारों छात्र-छात्राएं शामिल हुए। इस संबंध में रोजगार विथ अंकित के डायरेक्टर अंकित भाटिया से ‘अमर उजाला’ ने बातचीत की। इस बातचीत में उन्होंने बताया कि आज के आधुनिक और मंहगाई के समय में ऑनलाइन पढ़ाई के कई फायदे हैं। उन्होंने बताया कि इस पढ़ाई में लचीलापन, सुलभता, कम लागत और विशेषज्ञता से सीखने का अवसर मिलता है। यह छात्रों को अपनी गति से सीखने और अपने शेड्यूल के अनुसार पढ़ाई करने की सुविधा प्रदान करती है। अंकित भाटिया ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई के कई अन्य फायदे भी हैं। इस संबंध में रोजगार विथ अंकित के डायरेक्टर अंकित भाटिया ने बताया कि मुझे लगा कि दसवीं से बारहवीं के छात्र छात्राओं को बेसिक ज्ञान की बहुत जरुरत है। उस वजह से हमने सोचा कि मुझे उनके बोर्ड एग्जाम पर भी काम करना चाहिये। इसलिए हमारी टीम बिहार आई है यह बताने के लिए कि हमने दसवी से बारहवीं तक के बच्चों के लिए यूट्यूब पर फ्री में विज्ञान की क्लास शुरू कर दी है, जिसमें मुख्य रूप से पांच विषयों की पढ़ाई करायी जाएगी।
मुख्य जरुरी इस बात की है कि चूंकि कई माता-पिता को बहुत सारी जानकारी नहीं होती है कि वह अपने बच्चों को कैसे गाईड करें। बच्चों को गाइडेंस की कमी से उसको वह पद नहीं मिल पाता है या वह नौकरी नहीं मिल पाती, जिसे वह ले सकते थे। आज के कार्यक्रम का नाम रोजगार मीट अप रखा गया है, ताकि बच्चों को यह बता सकें कि बिहार में बहुत सारी सरकारी नौकरियां आ रही हैं, जिसके लिए बहुत अच्छे-अच्छे अवसर हैं। आपने 12वीं की परीक्षा पास की है तो आप किस तरफ जा सकते हैं, आपने किस विषय से स्नातक किये हैं और उस विषय के क्या स्कोप हैं? आप किस क्षेत्र में जा सकते हैं? इस बात को जागरूक करने मैं और हमारी टीम पटना पहुंचे हैं। रोजगार विथ अंकित के डायरेक्टर अंकित भाटिया ने बताया कि हर चीज के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू हैं। मोबाइल से बच्चे गलत चीज भी देखते हैं, लेकिन मेरा मानना है कि अगर बच्चा 12वीं पास कर लेता है औइर अगर वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता है, तो वह बच्चा मोबाइल से पढ़ाई ही करेगा। कोरोना काल में जब सब कुछ बंद सा हो गया था, उस समय ऑनलाइन पढ़ाई की शुरुआत हुई। उस समय ऑनलाइन पढ़ाई करने के बाद उनको ऐसा लगा कि मैं अगर एक बड़े शहर में जाता हूं, तो वहां रहने खाने-पीने में एक बड़ी रकम खर्च होती है, फिर इतनी मेहनत करता हूं, लेकिन इसके बाद भी यह निश्चित नहीं है कि सरकारी नौकरी हो ही जाएगी। ऐसे में बच्चा वह विकल्प ढूंढने लगता है कि कम खर्च में पढ़ाई हो सके ताकि सफलता हासिल की जा सके। ऐसे में घर में रहकर ऑनलाइन पढ़ना ज्यादा फायदेमंद साबित हो रहा है।
रोजगार विथ अंकित के डायरेक्टर अंकित भाटिया ने बताया कि मैं विदेश मंत्रालय में नौकरी करता था। ड्यूटी से लौटने के बाद मैं ऑफलाइन पढ़ाता था। इसी बीच एक लड़के ने मुझे यूट्यूब बनाने की सलाह दी। उस समय मुझे नहीं पता था कि यूयट्यूब पर क्या और कैसे होता है। उस लड़के ने 2018 में यूट्यूब चैनल बना दिया और फिर मेरा वीडियो बना-बनाकर डालने भी लगा। दो साल तक मैं अकेले काम करता रहा, तब तक पांच छह लाख बच्चे जुड़ गये थे, लेकिन दो साल बाद 2020 में जैसे ही कोरोना आया, तब बच्चे और विषयों की डिमांड करने लगे। तब मुझे विषयवार शिक्षक लाने पड़े। मैं लगातार दो साल तक बिना फीस के पढाया, लेकिन जब तीन शिक्षक जुड़े तब मैंने फीस लेनी शुरू कर दी। चैनल बनाने के दो महीने बाद उस लड़के ने मुझे बताया कि चैनल से पैसे भी आते हैं। फिर 6 महीने बाद जब सब्सक्राइबर 50 हजार हो गया तब उस लड़के ने मोनेटाईज भी करा दिया। मोनेटाईज होने के बाद यूट्यूब ने पहली बार साढ़े पांच हजार रुये भेजे थे, जिसे मैंने उस लड़के को दे दिया। आज हमारे साथ लगभग 85 शिक्षक और लगभग 350 स्टाफ हैं। आज हमारे 2018 में जिस यूट्यूब चैनल पर बना था, उसमें अभी एक करोड़ 53 लाख सब्सक्राइबर हो गया है। आज की तारीख मे अलग-अलग विषयों के कुल दस चैनल हैं जिसको मिलाकर 2 करोड़ 25 लाख सब्सक्राइबर हैं। अंकित भाटिया ने बताया कि बिहार ज्ञान की धरती रही है और मुझे यहां आकर बहुत अच्छा लगा।