बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद भी छात्रों का विरोध प्रदर्शन खत्म नहीं हो रहा है। 30 जनवरी को पटना के गर्दनीबाग में बिहार के विभिन्न जिलों से सैकड़ों छात्र एकत्रित हुए और परीक्षा को रद्द कर पुनः आयोजित करने की मांग की। छात्रों का आरोप है कि कई परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र उपलब्ध नहीं थे, जिससे परीक्षा की शुचिता पर सवाल उठ रहे हैं। यह मामला छात्रों के बीच काफी गुस्से का कारण बन गया है, और वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी इस मुद्दे पर अपना समर्थन व्यक्त किया है। उन्होंने छात्रों के पक्ष में बयान देते हुए आयोग से मामले को गंभीरता से लेने की अपील की है। चिराग पासवान ने कहा कि उनके परिवार के सदस्य भी इस परीक्षा में शामिल हुए थे, और उन्होंने बताया कि कई परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र उपलब्ध नहीं थे। इससे छात्रों को काफी परेशानी हुई और परीक्षा में निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। चिराग पासवान ने राज्य सरकार और बिहार लोक सेवा आयोग से आग्रह किया है कि वे छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से सुनें और यदि कोई चूक हुई है तो उसे तुरंत सुधारें। इस विवाद के बीच, बिहार लोक सेवा आयोग ने बताया है कि वह मुख्य परीक्षा आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। मुख्य परीक्षा का शेड्यूल जल्द ही जारी किया जाएगा, और यह परीक्षा अप्रैल 2025 में हो सकती है। हालांकि, परीक्षा को लेकर चल रहे विवाद और छात्रों का विरोध प्रदर्शन अब भी जारी है। छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। यह मामला बिहार के शिक्षा व्यवस्था और परीक्षा की पारदर्शिता को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है, और यह देखना होगा कि BPSC और राज्य सरकार इस मुद्दे पर कैसे प्रतिक्रिया देती है।