सुपौल के पिपरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में पीएचसी का ओटी असिस्टेंट देवेंद्र कुमार रिश्वत लेते दिख रहा है। 25 सेकेंड का यह वीडियो 20 दिन पहले का बताया जा रहा है। दावा है कि ओटी असिस्टेंट देवेंद्र कुमार ने इंजरी रिपोर्ट देने के लिए पीड़ित से रिश्वत की मांग की। इसमें अग्रिम के तौर पर उसने 300 रुपये लिए। पीड़ित पक्ष में से किसी ने रुपये देते समय देवेंद्र से बातचीत का वीडियो अपने कैमरे में कैद कर लिया और अब वह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वायरल वीडियो में देवेंद्र इंजरी रिपोर्ट में पीड़ित को मदद का दावा करता दिख रहा है। साथ ही नकल लेने के लिए रुपये लेकर आने की बात कह रहा है। वह कहता है कि रिपोर्ट लेने आइयेगा तो पैसा लेकर आइयेगा। हम ऐसे भी आपकी मदद करेंगे। खास बात यह है कि वीडियो में दिख रहा देवेंद्र पेंट और बनियान में है। उसने शर्ट तक नहीं पहनी हुई है, जबकि बातचीत के वक्त वह अपने कार्यालय में मौजूद है। दरअसल, बीते छह मार्च को पिपरा थाना क्षेत्र के विशनपुर में दो पक्षों में जमकर मारपीट की घटना हुई। मामला थाने तक पहुंचा। जिसमें एक पक्ष के राजेश पासवान ने बताया कि मारपीट की घटना में उसके परिवार की दो महिलाएं घायल हो गई थी। इसी को लेकर पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। लेकिन बार-बार अनुरोध के बावजूद अस्पताल प्रबंधन की ओर से इंजरी रिपोर्ट नहीं दी जा रही थी।
इसी को लेकर उसने बीते दिनों उसने पिपरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के ओटी असिस्टेंट देवेंद्र कुमार से मुलाकात की। देवेंद्र ने उससे इंजरी रिपोर्ट देने के लिए रुपये की डिमांड की। राजेश की मानें तो पिपरा पीएचसी के ओटी असिस्टेंट ने उससे 25 हजार रुपये रिश्वत की मांग की। उसने बताया कि बिना पैसों के इंजरी रिपोर्ट नहीं दी जाती है। अमूमन वह किसी भी इंजरी रिपोर्ट के लिए 25 से 30 हजार रुपये लेता है। हालांकि राजेश ने इतने रुपये देने में असमर्थता जताई। राजेश के अनुसार देवेंद्र ने उसे बताया कि रुपये देने पर इंजरी रिपोर्ट को मजबूत बनाया जाएगा, जिससे केस में भी उसकी सहायता होगी। लेकिन अगर वह रुपये नहीं देगा तो रिपोर्ट को कमजोर कर दिया जाएगा, जिससे केस लड़ना उसके लिए आसान नहीं होगा। राजेश ने बताया कि इसके बाद उसने तत्काल 300 रुपये रिश्वत के तौर पर उसे दिए और बांकी रुपये कुछ दिनों के बाद देने का वादा किया। देवेंद्र ने उसे एक सप्ताह बाद आने को कहा। उसे दो-तीन चक्कर लगाने के बाद इंजरी रिपोर्ट की कॉपी दी गई और दोबारा पैसे मांगे गए। हालांकि उसने दोबारा कोई राशि देवेंद्र को नहीं दी।
इधर, आरोपी ओटी असिस्टेंट देवेंद्र कुमार ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है। देवेंद्र कुमार ने दावा किया कि मैंने रिश्वत नहीं मांगी है। आरोपी ने स्वेच्छा से 300 रुपये मुझे दिए थे। हां, रिपोर्ट के नकल के लिए कुछ खर्चा (पैसे) देने के लिए जरूर कहा था। लेकिन वह भी मैंने नहीं लिया। वीडियो जिस दिन बनाया गया है, उस दिन मेरी तबीयत काफी खराब थी। मैं दो इंजेक्शन लेने के बाद ड्यूटी कर रहा था। जहां तक 25 हजार रुपये डिमांड की बात है, मैं चतुर्थवर्गीय कर्मी हूं। मैं रिपोर्ट नहीं लिखता हूं। रिपोर्ट डॉक्टर लिखते हैं। ऐसे में मैं इतने रुपये का डिमांड कैसे कर सकता हूं। मैं कसम खा कर कहता हूं कि मैंने कोई डिमांड नहीं किया है। वहीं इस बाबत पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मिथिलेश सिंह ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। पूरे मामले की जांच कर अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।