बिहार के बेतिया में एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से एक महिला और उसके गर्भ में बच्चा दोनों की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना बगहा जिले के रामनगर थाना क्षेत्र के अर्जुन नगर वार्ड नंबर 07 की है। अर्जुन नगर में उस वक्त हड़कंप मच गया जब झोलाछाप डॉक्टर की गलती से दो लोगों की जान चली गई। तौलाहा पंचायत के सिगीर बहुवरी गांव के संदीप राम की पत्नी, चिंता देवी, को प्रसव के समय कुछ दलालों ने फुसलाकर रामनगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। उस अस्पताल में झोलाछाप डॉक्टर उषा सिंह इलाज कर रही थीं। इलाज में हुई बड़ी लापरवाही की वजह से चिंता देवी और उसके गर्भ में बच्चा दोनों की मौत हो गई। बताया गया है कि अस्पताल में सही सुविधा और सही स्टाफ नहीं था। इस घटना के बाद परिजन अस्पताल में खूब हंगामा करते रहे। मृतका के परिजन जब अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने वहां खूब हंगामा किया। उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया और विरोध प्रदर्शन किया। परिजन बहुत दुखी थे और रो-रोकर बुरा हाल था। साथ ही, स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में अस्पताल के बाहर जमा हो गए और आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करने लगे। सूचना मिलने पर रामनगर थाने की पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची।
थाना प्रभारी ललन कुमार ने अस्पताल को अपने नियंत्रण में लेकर मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया। मृतका का शव पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बगहा अनुमंडल अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) की टीम को भी बुलाया है, जो पूरे अस्पताल की जांच करेगी। स्थानीय लोगों के अनुसार, झोलाछाप डॉक्टर उषा सिंह पहले भी मेडिकल लापरवाही के एक मामले में जेल जा चुकी हैं। इसके बावजूद वह फिर से खुलेआम मरीजों का इलाज कर रही थीं। अभी डॉक्टर उषा सिंह फरार हैं और पुलिस उनकी खोज में छापेमारी कर रही है। इस घटना के बाद इलाके में बहुत गुस्सा फैल गया है। लोग कहते हैं कि प्रशासन की लापरवाही और इलाज की खराब व्यवस्था की वजह से ऐसे झोलाछाप अस्पताल तेजी से बढ़ रहे हैं, जो लोगों की जान के लिए खतरा बन गए हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से कहा है कि दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और इलाके में झोलाछाप डॉक्टरों पर तुरंत रोक लगाई जाए।