
पटना : पिछले कुछ दिनों से शिक्षक अभ्यर्थी लगातार नीतीश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार को बात इतनी बढ़ गई कि सैकड़ों शिक्षक अभ्यर्थी और शारीरिक शिक्षक सीएम नीतीश कुमार की पार्टी के प्रदेश कार्यालय पहुंच गए और प्रदर्शन करने लगे। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को भी घेर लिया और हंगामा करने लगे। इनलोगों का कहना है कि हमलोग पिछले कई समय से सरकार से अपनी समस्याओं के समाधान की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हो रही। शिक्षा मंत्री से भी कई बार अपील की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
शारीरिक शिक्षकों का कहना है कि हमलोगों को केवल 8000 रुपये वेतन दिया जा रहा है, जो कि उनके कार्य के अनुरूप नहीं है। इसलिए हमलोग मानदेय बढ़ाने और स्थाईकरण की मांग कर रहे है। लेकिन, सरकार ध्यान नहीं दे रही है। शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री से भी बातचीत की। उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि इस महंगाई में महज आठ हजार रुपये वेतन में कैसे गुजारा करें सर? इसके बाद मंत्री के आश्वासन के बाद शिक्षकों ने धीरे-धीरे अपना आंदोलन समाप्त किया, लेकिन चेतावनी दी कि यदि जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो वो फिर से सड़कों पर उतरेंगे। इस मामले में प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बुधवार को शिक्षा मंत्री जन सुनवाई समाप्त करके बाहर निकले थे।
इसी बीच चारों ओर से शिक्षक अभ्यर्थी और शारीरिक शिक्षकों उन्हें घेरने की कोशिश करने लगे। यह देखते ही मंत्री किसी तरह बचते अपनी गाड़ी तक पहुंचे और जदयू कार्यालय से निकल गए। इधर, प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए कोतवाली थाना पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने पहुंचते ही प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की लेकिन जब यह लोग नहीं मानें तो शिक्षकों को वहां से खदेड़ दिया गया और माहौल को शांत कराया गया।