बिहार सरकार ने राज्य में भूमि से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए एक नई व्यवस्था शुरू की है। अब राज्य के नागरिक घर बैठे अपनी भूमि विवादों और अन्य राजस्व संबंधित समस्याओं का समाधान ऑनलाइन कर सकते हैं। बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने राजस्व न्यायालयों को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया है, जिससे अब सभी मामले डिजिटल माध्यम से निपटाए जाएंगे। इसके लिए RCML पोर्टल (राजस्व कोर्ट मैनेजमेंट लॉगिन) तैयार किया गया है। इस नई व्यवस्था के तहत, राज्य के नागरिक अपनी भूमि विवाद, अतिक्रमण, और अन्य राजस्व से संबंधित शिकायतें ऑनलाइन दर्ज कर सकेंगे। यह कदम भूमि विवादों के त्वरित निपटान और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। अब किसी भी व्यक्ति को कोर्ट में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, वह सीधे अपने घर से ऑनलाइन माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करा सकेगा।
सीओ कोर्ट: सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण से संबंधित शिकायतें यहाँ दर्ज की जाएंगी। अतिक्रमण करने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा, ताकि सूचनार्थी को कोई नुकसान न पहुंचे।
डीसीएलआर कोर्ट: दाखिल खारिज-खारिज अपील, भूमि विवाद समाधान अधिनियम (BLDR), भूदान अधिनियम, बकास्त भूमि का रैयतीकरण, बटाईदारी 48 (ई) से संबंधित मामले इस कोर्ट में दर्ज होंगे।
डीएम कोर्ट: जमाबंदी खारिज, सीलिंग अधिनियम, भूदान अधिनियम, बंदोबस्ती अपील, और निश्चित राजस्व से संबंधित मामलों की सुनवाई इस कोर्ट में की जाएगी।
एडीएम कोर्ट: जमाबंदी खारिज अपील, भूमि सीलिंग अपील, भूदान अपील, बासगीत पर्चा अपील और अन्य भूमि संबंधित संशोधन अपील इस कोर्ट में दर्ज होंगे।
कमिश्नर कोर्ट: भूमि विवाद समाधान अधिनियम (BLDR) अपील और अन्य भूमि विवादों से संबंधित अपीलों का निपटारा यहाँ किया जाएगा।
एलए प्राधिकरण: भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास, पुनर्स्थापन अधिनियम, 2013 में उचित मुआवजा और पारदर्शिता से संबंधित मामलों की सुनवाई यहाँ की जाएगी।
समय की बचत: अब नागरिकों को कोर्ट में लंबी लाइनों में खड़ा होने की आवश्यकता नहीं होगी, वे घर बैठे ही अपनी समस्याओं का समाधान पा सकेंगे।
पारदर्शिता और त्वरित निष्पादन: इस प्रणाली से पारदर्शिता बढ़ेगी और मामलों का निपटान जल्दी होगा।
सभी के लिए सुलभ: यह सेवा सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध होगी, विशेषकर उन लोगों के लिए जो दूर-दराज के इलाकों में रहते हैं।