Home बिहार बिहार दिवस 2025: राज्य स्थापना की ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक समृद्धि का...

बिहार दिवस 2025: राज्य स्थापना की ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्सव

63
0
Bihar Day 2025: Celebrating the historical heritage and cultural richness of the state's establishment

हर वर्ष 22 मार्च को बिहार दिवस का आयोजन पूरे सूबे में किया जाता है। इस दिन को बिहार राज्य के स्थापना दिवस के रूप में मनाने की परंपरा है। भारत का यह राज्य अपनी समृद्ध संस्कृति, बौद्ध स्थलों और विशिष्ट परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। बिहार, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर के लिए जाना जाता है। यह क्षेत्र न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी एक विशेष स्थान रखता है

बिहार दिवस, जिसे बिहार स्थापना दिवस भी कहा जाता है, हर वर्ष 22 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन 1912 में बिहार को बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग कर एक स्वतंत्र प्रांत के रूप में स्थापित किए जाने की स्मृति में मनाया जाता है।

GNSU Admission Open 2025

इतिहास

बिहार का इतिहास प्राचीन काल से ही गौरवशाली रहा है। यह क्षेत्र वैदिक काल में ‘विहार’ या ‘विहारक’ के नाम से जाना जाता था, जिसका अर्थ है ‘मठों की भूमि’। इस भूमि ने अनेक महान साम्राज्यों को जन्म दिया, जिनमें मौर्य, गुप्त, और पाल वंश प्रमुख हैं।

मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य और उनके प्रधानमंत्री आचार्य चाणक्य ने मगध क्षेत्र से ही अपने साम्राज्य का विस्तार किया। सम्राट अशोक, जिन्हें विश्व में शांति और अहिंसा के प्रतीक के रूप में जाना जाता है, ने भी यहीं से शासन किया। उनके शासनकाल में बौद्ध धर्म का व्यापक प्रसार हुआ और बिहार बौद्ध शिक्षा का केंद्र बना।

शैक्षणिक और सांस्कृतिक धरोहर

बिहार ने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यहां स्थित नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय प्राचीन काल में उच्च शिक्षा के प्रमुख केंद्र थे, जहां विश्वभर से विद्यार्थी अध्ययन के लिए आते थे। नालंदा विश्वविद्यालय विशेष रूप से बौद्ध अध्ययन के लिए प्रसिद्ध था और इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।

सांस्कृतिक दृष्टि से, बिहार की भूमि ने मैथिली, भोजपुरी, मगही जैसी समृद्ध भाषाओं और साहित्य को जन्म दिया है। मधुबनी पेंटिंग, जो मिथिला क्षेत्र की विशेषता है, अपनी जटिल डिजाइन और जीवंत रंगों के लिए विश्व प्रसिद्ध है।

सांस्कृतिक विविधता

बिहार की सांस्कृतिक विविधता उसके त्योहारों, नृत्य, संगीत, और कला में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। यहां के प्रमुख त्योहारों में छठ पूजा, मकर संक्रांति, होली, और दशहरा शामिल हैं। छठ पूजा विशेष रूप से सूर्य देव की उपासना के लिए प्रसिद्ध है और इसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
नृत्य और संगीत में, बिहार की समृद्ध परंपरा है। यहां का ‘झिझिया’ नृत्य और ‘समाचकेवा’ लोकनृत्य विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा, भोजपुरी और मैथिली संगीत भारत के विभिन्न हिस्सों में लोकप्रिय हैं।

सांस्कृतिक विविधता

बिहार की सांस्कृतिक विविधता उसके त्योहारों, नृत्य, संगीत, और कला में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। यहां के प्रमुख त्योहारों में छठ पूजा, मकर संक्रांति, होली, और दशहरा शामिल हैं। छठ पूजा विशेष रूप से सूर्य देव की उपासना के लिए प्रसिद्ध है और इसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

नृत्य और संगीत में, बिहार की समृद्ध परंपरा है। यहां का ‘झिझिया’ नृत्य और ‘समाचकेवा’ लोकनृत्य विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा, भोजपुरी और मैथिली संगीत भारत के विभिन्न हिस्सों में लोकप्रिय हैं।

बिहार की आर्थिक और औद्योगिक प्रगति

हाल के वर्षों में, बिहार ने आर्थिक और औद्योगिक क्षेत्र में भी प्रगति की है। कृषि इस राज्य की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है, जिसमें धान, गेहूं, गन्ना, और मक्का की खेती प्रमुख है।
राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। बिहार में अब विभिन्न खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां, कपड़ा उद्योग, और अन्य छोटे एवं मध्यम उद्योग स्थापित हो रहे हैं, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं।

GNSU Admission Open 2025