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बिहार BPSC छात्र प्रदर्शन: प्रशांत किशोर ने किया आंदोलन में शामिल होने का ऐलान, नीतीश सरकार पर दबाव बढ़ा

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Bihar BPSC student protest: Prashant Kishore announced to join the movement

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित 67वीं संयुक्त परीक्षा के परिणामों में देरी और अनियमितताओं को लेकर अभ्यर्थियों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। छात्रों की लगातार बढ़ती नाराजगी अब एक बड़े आंदोलन का रूप ले चुकी है, और इस आंदोलन में अब एक राजनीतिक चेहरा भी जुड़ने जा रहा है। चुनावी रणनीतिकार और समाजसेवी प्रशांत किशोर ने आज से BPSC अभ्यर्थियों के साथ धरने पर बैठने का ऐलान किया है, जिससे छात्र आंदोलन को और बल मिल सकता है। प्रशांत किशोर का यह कदम छात्रों के बीच नई उम्मीद जगाने वाला है। उन्होंने आंदोलन में शामिल होने का फैसला किया है, क्योंकि वे मानते हैं कि बिहार के युवाओं के साथ होने वाली नाइंसाफी को अब और सहन नहीं किया जा सकता। प्रशांत किशोर ने कहा, “यह केवल BPSC परीक्षा परिणाम का मामला नहीं है, यह बिहार के हर युवा के अधिकार की बात है। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक हम छात्रों के साथ खड़े रहेंगे।” BPSC द्वारा परीक्षा परिणामों में हुई देरी और परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को लेकर छात्र सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि बिहार सरकार और BPSC आयोग छात्रों की मेहनत और भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इसी के तहत, छात्रों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं और अब यह आंदोलन पूरे राज्य में फैलता जा रहा है। इस आंदोलन में प्रशांत किशोर के शामिल होने से राजनीतिक हलकों में भी हलचल मच गई है। प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मामले में जल्दी और निष्पक्ष समाधान की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार ने छात्र समुदाय की मांगों को नजरअंदाज किया, तो यह आंदोलन और तेज हो सकता है। आंदोलन के एक प्रमुख नेता ने कहा, “हमारी मांग है कि BPSC परीक्षा के परिणामों में पारदर्शिता हो, और जिन छात्रों को सही तरीके से मौका नहीं मिला, उन्हें न्याय मिल सके।” अब सवाल यह है कि क्या नीतीश सरकार इन छात्रों की मांगों पर ध्यान देगी या फिर यह आंदोलन और उग्र होगा। यह भी देखा जाएगा कि क्या प्रशांत किशोर का समर्थन इस आंदोलन को एक राजनीतिक मोड़ देता है, और क्या सरकार इस दबाव का सामना कर पाएगी।

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