बिहार में बार-बार आने वाली बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। महानंदा, बागमती और कमला नदियों पर नए बैराज बनाने का निर्णय लिया गया है।
बैराज निर्माण की योजना और स्थान:
- कमला नदी: मधुबनी के जयनगर में मौजूदा बांध को बैराज में परिवर्तित किया जाएगा।
- महानंदा नदी: किशनगंज के तैयबपुर में नया बैराज बनाया जाएगा, जिसके लिए 20.15 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
- बागमती नदी: सीतामढ़ी के ढेंग और कटौंजा क्षेत्रों में दो बैराज विकसित किए जाएंगे, जिन पर 25.37 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
बिहार को केंद्र से वित्तीय सहयोग:
बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार ने 11,500 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की है। यह सहयोग बिहार के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और जल प्रबंधन में सुधार लाने में सहायक होगा।
बैराज निर्माण के लाभ:
बाढ़ नियंत्रण: इन बैराजों के माध्यम से बाढ़ के विनाशकारी प्रभावों से राहत मिलेगी। हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि और लाखों लोगों की जान सुरक्षित होगी।
सिंचाई और जल संरक्षण: नियंत्रित जल भंडारण से सिंचाई और पीने के पानी की समस्या दूर होगी।
कृषि उत्पादकता: किसानों की फसल बाढ़ से प्रभावित नहीं होगी, जिससे उन्हें बेहतर कृषि लाभ होगा।
आर्थिक विकास: मछली पालन और अन्य जल आधारित गतिविधियों से स्थानीय रोजगार सृजन होगा।
सामाजिक-आर्थिक विकास: यह परियोजना जल प्रबंधन, आजीविका सृजन और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देगी।
महत्वपूर्ण पहल:
यह परियोजना केवल बाढ़ राहत तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके दूरगामी लाभ पूरे राज्य में सामाजिक और आर्थिक समृद्धि लाने का वादा करते हैं। बिहार सरकार का यह प्रयास राज्य में आपदा प्रबंधन और सतत विकास के लिए एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण है।