Home बिहार पंचायत से फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर हितधारक मंच का हुआ गठन

पंचायत से फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर हितधारक मंच का हुआ गठन

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A stakeholder forum was formed for the elimination of filariasis from the Panchayat

स्थानीय मुखिया अपने पंचायत को हाथीपांव से मुक्ति के लिए करेंगे सहयोग

जनप्रतिनिधियों एवं हाथीपांव के मरीजों ने अपने पंचायत को हाथीपांव मुक्त करने का उठाया बीड़ा

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रोहतास। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सरकार गंभीर है। इसके लिए कई तरह के कार्यक्रम और अभियान चलाए जा रहे है। इसी के तहत स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था सीफार के तकनीकी सहयोग से तिलौथू प्रखंड के ग्राम सेवही पंचायत के पतलुका स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर फाइलेरिया को लेकर जागरूकता अभियान चलाया है। साथ ही सेवहीं पंचायत के मुखिया विजय शंकर उपाध्याय की अध्यक्षता में जनप्रतिनिधियों, स्वास्थ्यकर्मियों, शिक्षा, जीविका, आईसीडीएस विभाग के लोगों के साथ बैठक कर पंचायत को फाइलेरिया मुक्त बनाने को लेकर हितधारक मंच का गठन किया गया। इसके पूर्व सिफ़ार के प्रतिनिधि ने एक लघु वीडियो के माध्यम से वहां मौजूद हाथीपांव से पीड़ित लोगों के साथ साथ जनप्रतिनिधियों एवं अन्य लोगों को हाथीपांव होने के कारण और उपचार के बारे में जानकारी दिया और बताया कि यह हितधारक मंच इस पंचायत को हाथीपांव से मुक्ति दिलाने में कितना कारगर होगा।

इस बीमारी से मुक्ति के लिए सबको मिलकर लड़नी होगी लड़ाई

बैठक की अध्यक्षता कर रहे मुखिया विजय शंकर उपाध्याय ने कहा कि हाथीपांव एक गंभीर और लाइलाज बीमारी है। उन्होंने बताया कि सेवही पंचायत में इस बीमारी से काफी लोग पीड़ित है। इसलिए इस गांव को इस बीमारी से मुक्ति दिलाने में हम सबको आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि इस गांव को इस गंभीर बीमारी से मुक्ति दिलाने के लिए हम सबको एक साथ लड़ाई लड़ना होगा, तभी इस बीमारी से मुक्ति मिल सकती है। हाथीपांव बीमारी से अपने पंचायत से मुक्त करने के लिए वे सदैव तत्पर रहेंगे और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो भी जानकारियां दी जाएगी उसे अपने पंचायत के लोगों तक पहुंचने में भरपूर सहयोग करेंगे ताकि उनका पंचायत इस गंभीर बीमारी से मुक्त हो सके।

हाथी पांव बन सकता है दिव्यागता का कारण

बैठक की संचालन कर रही सीएचओ संजू कुमारी ने लोगों को बताया कि यह बीमारी एक प्रकार के मच्छर के काटने से फैलाता है और यह संचारी रोग है जो एक से दूसरे व्यक्ति में उक्त मच्छर के काटने से फैलाता है। यदि समय रहते इसपर ध्यान नहीं दिया गया तो दिव्यागता का भी कारण बन सकता है। उन्होंने बताया कि इसका लक्षण तकरीबन 10 से 12 सालों के बाद दिखाई देता है और एक बार यह बीमारी हो गया तो वह कभी ठीक नहीं हो सकता। सीएचओ ने बताया कि इससे बचने के लिए सरकार प्रत्येक साल सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाती है जिसमें तीन प्रकार की दवा खिलाई जाती है। उन्होंने बताया कि पांच साल तक अभियान के दौरान दवा का सेवन कर लिया जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकता है।

हाथीपांव के मरीज आए आगे

बैठक में पहुंचे आधा दर्जन से अधिक हाथीपांव पांव के मरीजों ने इस बीमारी के हो रही परेशानियों को लोगों के समक्ष साझा किया और बताया कि इस बीमारी से उन्हें समस्याएं झेलनी पड़ रही है। बैठक में पहुंचे हाथीपांव के मरीज शशि शाह, ललिता देवी, सुमन देवी, फेंकू मियां ने अपने पंचायत को हथियांव से मुक्त करने के लिए बीड़ा उठाया और अभियान में सहयोग करने की बात कही। मौके पर विनीत कुमार(वार्ड सदस्य), सूर्यमुखी कुंवर (पंच) , राधिका देवी (सेविका), ललिता कुमारी (आशा), अमरावती देवी (जीविका), सुशीला देवी (आशा फैसिलिटेटर) सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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