
बिहार: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सहयोगी पार्टियों में से एक लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास बिहार विधानसभा चुनाव में अपना प्रदर्शन हर हाल में बेहतर करना चाहती है। इसी को लेकर लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान बड़ी जनसभा करने जा रहे हैं। इसका नाम नव-संकल्प महासभा दिया गया है। यह सभा आठ जून को आरा के बाबू वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में होगा। इस कार्यक्रम को लेक सियासी गलियारी में अभी से ही खूब चर्चा हो रही है। कई जानकार यह कह रहे हैं चिराग केंद्र से ज्यादा राज्य पर अब फोकस कर रहे हैं। कुछ विपक्षी नेता ने यह तक कह दिया कि लोजपा (रामविलास) के नेता चिराग पासवान को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार के रूप में देख रहे हैं।
इस बात को चिराग पासवान के बहनोई और सांसद अरुण भारती ने अपने बयान से पक्का कर दिया। और, स्पष्ट कह दिया कि विधानसभा चुनाव में चिराग आरक्षित सीट से नहीं बल्कि सामान्य सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। आइए जानते हैं लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रमुख नेता अरुण भारती ने क्या कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान हमेशा कहते हैं कि उनकी राजनीति बिहार केंद्रित है और उनका विजन “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट” एक विकसित और आत्मनिर्भर बिहार का संकल्प है। यह तभी संभव है जब वे खुद बिहार में रहकर नेतृत्व करें। चिराग पासवान आज सिर्फ प्रतिनिधि नहीं, पूरे बिहार की उम्मीद हैं। उनका यह कदम सामाजिक न्याय की राजनीति को एक नई दिशा देगा। इसमें प्रतिनिधित्व के साथ-साथ सर्वमान्यता की भी लड़ाई लड़ी जाएगी।
लोजपा (सांसद) ने कहा कि जब मैं प्रदेश प्रभारी के रूप में गांव-गांव गया, हर जगह लोगों की एक ही मांग थी कि चिराग जी को अब बिहार में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए। हाल ही में पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में भी सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास हुआ कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में खुद चुनाव लड़ें। साथ ही साथ, कार्यकर्ताओं की यह भी भावना है कि इस बार वे किसी आरक्षित सीट से नहीं, बल्कि एक सामान्य सीट से चुनाव लड़ें। ताकि यह संदेश जाए कि वे अब सिर्फ एक वर्ग नहीं, पूरे बिहार का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। अरुण भारती ने पूछा कि जब नेता पूरे बिहार का है, तो सीट का दायरा क्यों सीमित हो? उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं की यह भी भावना है कि इस बार चिराग पासवान जी बिहार विधानसभा के चुनाव में किसी आरक्षित सीट से नहीं, बल्कि एक सामान्य सीट से चुनाव लड़ें। चिराग पासवान अब सिर्फ़ एक समुदाय की नहीं, पूरे बिहार की उम्मीद हैं।